PM MODI ON SHAKTI: 'परिवार' फिर 'शक्ति'...पीएम मोदी ने फिर विपक्ष के हमले को बनाया अपना हथियार...
PM MODI ON SHAKTI: भारत में बढ़ती गर्मी के साथ ही चुनावी तापमान भी तेजी से बढ़ रहा है। विपक्ष ने बीजेपी और पीएम नरेंद्र (PM MODI ON SHAKTI) मोदी पर हमला बोल दिया है। लेकिन मोदी की राजनीतिक रक्षा प्रणाली किसी उन्नत मिसाइल प्रणाली से कम नहीं है। जिसका नतीजा है कि विरोधियों के हमले मोदी तक पहुंचने से पहले ही नाकाम हो रहे हैं। राजनीतिक रणनीति में माहिर, मोदी विपक्षी हमलों को हथियार बना रहे हैं और उन्हें उनके हाल पर छोड़ रहे हैं। लक्ष्य (विपक्ष) पर भी निशाना अचूक लगता है। लेकिन तकलीफ सिर्फ कांग्रेस और राहुल को हो रही है।
अब कोई उम्मीद नहीं...
पिछले लोकसभा चुनाव के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि इस चुनाव में कांग्रेस और राहुल गांधी (PM MODI ON SHAKTI) मोदी और बीजेपी की राह में सबसे बड़े रोड़े होंगे। लेकिन कांग्रेस और राहुल ने अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया है जिससे उन्हें या उनकी पार्टी को अगले लोकसभा चुनाव में टिकने की उम्मीद मिल सके। यहां आगे का मतलब '2029' है। क्योंकि जहां तक मैं समझता हूं, राहुल और विपक्षी दल 2024 के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन नतीजों में इसका असर नहीं दिख रहा है। राहुल और विपक्ष के लिए ये मेरे निजी विचार हैं।' हालाँकि राजनीति में भी करिश्मा होता रहा है। राहुल के साथ ये करिश्मा कब होगा या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा।
फिर से किया अपना ही गोल
फिलहाल की बात करें तो राहुल ने एक बार फिर से आत्मघाती गोल कर दिया है। उन्होंने कल रविवार (PM MODI ON SHAKTI) को मुंबई में 'शक्ति' बयान दिया। पीएम मोदी ने इसे राहुल के खिलाफ हथियार बनाया। विस्तार में जाने से पहले राहुल के इस बयान के बारे में जानना जरूरी है। राहुल गांधी ने कहा था। मैं सत्ता से लड़ रहा हूं। हिंदू धर्म में शक्ति शब्द है। हम एक शक्ति से लड़ रहे हैं, एक शक्ति से लड़ रहे हैं।
राजनीतिक परेशानियां राहुल गांधी का पीछा नहीं छोड़ रही
शक्ति पर ज्ञान देना जारी रखते हुए राहुल ने कहा कि अब सवाल यह है कि (PM MODI ON SHAKTI) वह शक्ति क्या है? जैसे यहां किसी ने कहा- राजा की आत्मा ईवीएम में है। यह भारत के हर संस्थान में है। वह ईडी में हैं, वह सीबीआई में हैं, वह आयकर विभाग में हैं। राहुल बिल्कुल वैसा ही जा रहा था जैसा वह चाहता था। लेकिन वे भूल गए कि हिंदू धर्म में 'शक्ति'... को देवी भी कहा जाता है। जिसे मोदी ने पकड़ लिया। जिसके बाद राजनीतिक परेशानियां राहुल गांधी का पीछा नहीं छोड़ रही हैं।
आपको मोदी की 'ताकत' समझनी होगी
पीएम नरेंद्र मोदी ने बिना समय बर्बाद किए राहुल की 'पावर' को अपनी ओर मोड़ लिया। अब ये 'पावर' राहुल पर भारी पड़ रही है। पीएम ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि 'शक्ति' पर हमला मतलब देश की माताओं-बहनों पर हमला। पीएम मोदी ने पूरे विपक्ष को घेरा और आरोप लगाया कि ये लोग 'शक्ति' के विनाश के लिए लड़ रहे हैं। नारी और शक्ति का हर उपासक लोकसभा चुनाव में उन्हें (विपक्ष को) इसका जवाब देगा।' इस वक्त पूरे विपक्ष को राहुल और पीएम मोदी की 'ताकत' का एहसास हो रहा होगा।
राहुल-मोदी की ताकत में बड़ा अंतर!
यहां यह समझना होगा कि राहुल गांधी की 'शक्ति' और पीएम मोदी की 'शक्ति' (PM MODI ON SHAKTI) में अंतर है। समझाने के तरीक़े में फ़र्क होता है। लोगों की नब्ज़ पकड़ने में फ़र्क होता है। लोगों तक अपनी आवाज़ पहुंचाने में फ़र्क होता है। बोलने से पहले सोचने में फ़र्क होता है। यानी कि अगर राहुल सिर्फ शक्ति बोल देते तो मामला सुलझ जाता। यदि शक्ति का संबंध हिंदू धर्म से नहीं होता तो भी मामला गंभीर नहीं होता। अगर उन्होंने सत्ता और हिंदुत्व का मुद्दा नहीं उठाया होता तो वे पीएम मोदी के निशाने पर नहीं होते। उनका (राहुल गांधी) हमला पीएम मोदी का हथियार नहीं बनता।
बड़ों ने कहा...
शायद राहुल गांधी को अब भी यह समझ नहीं आ रहा है कि उनके सामने एक ताकतवर (PM MODI ON SHAKTI) नेता पीएम मोदी हैं। जिन लोगों को राजनीति विरासत में नहीं मिली, उनके लिए यह उनकी कमाई है।' राहुल गांधी सत्ता के सिंहासन पर तभी कदम रखते हैं जब वह पीएम मोदी की राजनीतिक समझ को समझते हैं। बड़े-बुज़ुर्गों ने भी कहा है कि विरोधियों से साहस के साथ लड़ो... लेकिन अगर उसके पास अधिक ज्ञान है तो उससे सीखने में संकोच मत करो। अब ऐसा कहने वाले कह सकते हैं कि राहुल ने अपने बड़ों से क्या सीखा?