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क्यों आगे खिसक रही है मकर संक्रांति की तारीख? 2042-43 के बाद 15-16 जनवरी को मनाया जाएगा ये पर्व

मकर संक्रांति की तारीख के आगे खिसकने की वजह ज्योतिष गणना और अंग्रेजी कैलेंडर का तालमेल ना बैठना है।
12:52 PM Jan 14, 2025 IST | Shiwani Singh

पूरे देश में आज हर्षोल्लास के साथ मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। देश के कई हिस्सों में इसे अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति मनाई जाती है। आज दोपहर 3 बजे सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेगा। आपने देखा होगा जब भी मकर संक्रांति का पर्व नजदीक आने लगता है, तभी ये चर्चा शुरू हो जाती है कि ये पर्व 14 को मनाया जाएगा या 15 जनवरी को। पिछले साल 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई गई थी। लेकिन इस बार ये 14 जनवरी को मनाई जा रही है। पिछले कुछ सालों से मकर संक्रांति की तारीख लगातार बदल रही है (why Is makar sankranti date shifting)। लेकिन ऐसा होता क्यों है? आइए जानते इसके पीछे की वजह।

मकर संक्रांति की तारीख खिसकने की वजह

मकर संक्रांति की तारीख के आगे खिसकने (makar sankranti date change) की वजह ज्योतिष गणना और अंग्रेजी कैलेंडर का तालमेल ना बैठना है। दरअसल, ज्योतिष गणना की मानें तो एक सौर वर्ष 365 दिन और 6 घंटे का होता है। इस समयावधि के दौरान सूर्य सभी राशियों का चक्कर पूरा कर लेता है। वहीं, दूसरी तरफ अंग्रेजी कैलेंडर में एक साल 365 दिन का होता है। जिसकी वजह से ज्योतिष गणना के मुताबिक हर साल 6 घंटे बच जाते हैं। फिर चार सालों में इन 6 घंटों से एक दिन बन जाता है। इस एक दिन को लीप इयर में एडजस्ट किया जाता है। यही वजह है कि मकर संक्रांति कभी 14 को मनाई जाती है तो कभी 15 जनवरी को। जानकारों के मुताबिक 2101 में संक्रांति 15 या 16 जनवरी को मानाई जाने लगेगी।

मकर संक्रांति (makar sankranti ) का समय बदलने के पीछे कि एक वजह ये भी है कि हर बार सूर्य के राशि में प्रवेश का समय बदलता रहता है। सूर्य कभी सुबह में तो कभी दोपहर में तो कभी रात में राशि बदलता है, जिसके कारण तारीख में बदलाव देखने को मिलता है। ज्योतिषियों के मुताबिक, जब सूर्य दोपहर तक राशि बदता है तो मकर संक्रांति उसी दिन मनाई जाती है। लेकिन जब सूर्य शाम में या रात में राशि में प्रवेश करता है तो संक्रांति का त्योहार अगले दिन मनाया जाता है।

71-72 साल में मकर संक्रांति की तारीख बढ़ती है आगे

सूर्य के राशि परिवर्तन का समय काफी धीमा होता है। जिसके कारण 71 से 72 साल में मकर संक्रांति की डेट एक दिन आगे बढ़ जाती है। इसलिए आपने देखा होगा की पहले संक्रांति 13 और 14 जनवरी को मनाई जाती थी। लेकिन आजकल ये 14 और 15 जनवरी को मनाई जाती है। ऐसा अनुमान है कि आने वाले सालों में ये तारिख 15 से 16 जनवरी पर पहुंच जाएगी।

आने वाले समय में 15 या 16 जनवरी को मनाई जाएगी संक्रांति

ज्योतिष विद्वानों के अनुसार मकर संक्रांति की तारीख में हर 71 से 72 सालों में बदलाव देखने को मिल रहा है। 1832 की बात करतें तो इस साल मकर संक्रांति 13 जनवरी को मनाई गई थी। इसके बाद पहली बार साल 1902 में संक्रांति 14 जनवरी को थी। वहीं 1972 में पहली बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई गई थी। मौजूदा समय में ये पर्व 14 या 15 जनवरी को मनाया जा रहा है। आने वाले समय में 2042-43 के बाद ये पर्व 15 या 16 जनवरी को मनाई जाएगी।

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