आखिर क्यों इतनी खास होती है अक्षया तृतीया, ये उपाय करने से घर में आएगी सुख समृद्धि
Akshaya Tritiya Niyam: अक्षय तृतीया सनातन धर्म की एक महत्वपूर्ण और अत्यंत शुभ तिथि है। यह वैशाख शुक्ल तृतीया को पड़ती है और इसे एक अबूझ मुहूर्त के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि किसी भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, या जनेऊ संस्कार के लिए किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन किया गया दान, तप, जप और पूजन अनंत फलदायी होता है।
इस दिन का विशेष महत्व
इस तिथि का पौराणिक महत्व भी बहुत गहरा है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने नर-नारायण, हयग्रीव और परशुराम के रूप में जन्म लिया था। इसलिए इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म भी इसी दिन हुआ था। महाभारत का युद्ध भी अक्षय तृतीया को खत्म हुआ था। उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम के कपाट भी आज ही के दिन खुलते हैं और चार धामों की यात्रा की शुरुआत होती है। वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर में भी साल में सिर्फ आज ही के दिन भगवान के चरणों के दर्शन होते हैं, बाकी समय उनके चरण वस्त्रों से ढके रहते हैं।
सूर्योदय से पहले करें स्नान
अक्षय तृतीया पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा, समुद्र या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करना विशेष फलदायी होता है। अगर यह मुमकिन न हो तो घर पर नहाकर गंगाजल का छिड़काव करें। फिर शांत मन से भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता की आराधना करें। पूजा में पीले या सफेद कमल और गुलाब के फूल अर्पित करें।
इन चीजों का लगाएं भोग
अक्षय तृतीया पर गेहूं, जौ, चने का सत्तू, मिश्री, नीम की पत्तियां, ककड़ी और भीगी चने की दाल का विशेष भोग अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन सत्तू का सेवन अवश्य करना चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होने के साथ-साथ धार्मिक दृष्टिकोण से भी फलदायक माना गया है।
इन चीजों का करें दान (Akshaya Tritiya Niyam)
अक्षय तृतीया गर्मी की शुरुआत का समय होता है, इसलिए इस दिन पानी से भरे घड़े, मिट्टी के बर्तन, पंखे, छाते, चटाई, चावल, घी, नमक, खीरा, खरबूजा, मिश्री और सत्तू जैसी ठंडी और उपयोगी चीज़ों का दान करना बहुत पुण्य का काम माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन से गरीबी दूर होती है और उसे कभी न खत्म होने वाले फल मिलते हैं।
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