कालयुक्त नामक हिन्दू नव वर्ष और चैत्र नवरात्रि रविवार से प्रारम्भ, इन लोगों के लिए यह वर्ष होगा विशेष
Vikram Samvat 2082: महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं राकेश पाण्डेय बताते है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नूतन वर्ष (Vikram Samvat 2082) का आरम्भ होता है। इसी दिन से देश में चैत्र नवरात्रि भी शुरू हो रही है।
कालयुक्त नामक सम्वत्सर (Vikram Samvat 2082)और वासन्तिक या चैत्र नवरात्र का आरम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि रविवार को दिन 02:14 तक रहेगी। नवरात्रि और वर्ष का आरम्भ रेवती नक्षत्र में हो रहा है। इस वर्ष की नवरात्रि 8 दिनों की होगी। नवरात्रि 30 मार्च रविवार से प्रारम्भ होकर 6 अप्रैल रविवार को समाप्त होगी। इस बार रविवार के दिन हिन्दू नव वर्ष का आरम्भ हो रहा है, इसलिए इस वर्ष के राजा व मन्त्री सूर्य हैं।
कलश स्थापना मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) में कलश स्थापना मुहूर्त सूर्योदय के पश्चात प्रात: काल से लेकर दिन 02:14 प्रतिपदा तिथि तक किया जाएगा। वहीं इस दिन अभिजित मुहूर्त 11:36 से 12:24 तक है। कलश स्थापना के पश्चात मां भगवती का पूजन षोडशोपचार वा पंचोपचार कर दुर्गासप्तशती का पाठ, नवार्ण मन्त्र का जप करें। प्रत्येक सनातन धर्मियों को चाहिए की आज के दिन मंगल ध्वज से घर को सुसज्जित करें।
इस हिन्दू नव वर्ष के राजा व मन्त्री सूर्य है
ज्योतिषाचार्य राकेश पाण्डेय बताते है कि ज्योतिषीय ग्रहयोगानुसार सूर्य ग्रह इस वर्ष के राजा व मन्त्री हैं और कालयुक्त नामक सम्वत्सर (Vikram Samvat 2082) व रेवती नक्षत्र में वर्ष का आरम्भ हो रहा है। अतः सम्पूर्ण जनमानस में आपसी आक्रोश हो सकते है, भूकम्प व आगजनी से देश के कई भागों में नुकसान हो सकते है। देश में कानून व्यवस्था सख्त होगी। पर्वतीय क्षेत्रों में भूकम्प से काफी नुकसान हो सकते है।
इन लोगों के लिए यह वर्ष होगा विशेष
छोटे व बड़े वर्ग के विभिन्न क्षेत्रों के समस्त व्यापारी वर्गों के लिए यह हिन्दू नव वर्ष (Hindu Nav Varsh) बहुत ही शुभ रहेगा।। नृत्य कला व संगीत के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों के लिए यह वर्ष काफी सुखद होगा। व लौह व औषधि से जुड़े व्यापारियों के लिए यह वर्ष उत्तम रहेगा। राजनीतिक दलों में आपसी शत्रुता बढ़ने की आशंका है।
इस वर्ष शान्ति के लिए भगवान शिव व शक्ति की उपासना श्रेयस्कर होगी। साथ ही साथ सम्पूर्ण मानव जाति को चाहिए की मां भगवती का ध्यान कर "जयन्ती मङ्गला काली भद्र काली कपालिनी, दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते" मन्त्र का मानसिक जप करते रहें और दुर्गा सप्तशती का निष्ठा पूर्वक नित्य पाठ करें। जिससे सम्पूर्ण जनमानस का कल्याण होगा।
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