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Vaishakh Vinayak Chaturthi 2025: वैशाख महीने में इस दिन है विनायक चतुर्थी, जानें तिथि और पूजा मुहूर्त

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी मनाई जाती है।
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Vaishakh Vinayak Chaturthi 2025: हिन्दू धर्म में चतुर्थी तिथि का बहुत महत्वा होता है। इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा होती है। प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा अर्चना होती है और श्रद्धालु व्रत रखते हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है, तो वहीं शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी (Vaishakh Vinayak Chaturthi 2025) के रूप में मनाया जाता है।

कब है वैशाख महीने में विनायक चतुर्थी?

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी (Vaishakh Vinayak Chaturthi 2025) मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी की शुरुआत 30 अप्रैल को दोपहर 02:12 मिनट पर होगी और इसका समापन 1 मई को सुबह 11:23 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, वैशाख विनायक चतुर्थी का पर्व 1 मई को मनाया जाएगा।

Vaishakh Vinayak Chaturthi 2025: वैशाख महीने में इस दिन है विनायक चतुर्थी, जानें तिथि और पूजा मुहूर्त

विनायक चतुर्थी में शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:14 मिनट से 04:57 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02:31 मिनट से 03:4 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06:55 मिनट से 07:17 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात 11:56 मिनट से 12:39 मिनट तक

वैशाख विनायक चतुर्थी का महत्व

वैशाख विनायक चतुर्थी का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है क्योंकि यह भगवान गणेश को समर्पित है, जो बाधाओं को दूर करने वाले और बुद्धि और सफलता के देवता हैं। इस दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा करने से सौभाग्य, समृद्धि और सभी प्रयासों में सफलता मिलती है। लोग इस दिन भगवान गणेश को मोदक, दूर्वा घास चढ़ाते हैं और उनका आशीर्वाद पाने के लिए विशेष पूजा करते हैं। कोई नया उद्यम शुरू करने के लिए भी यह एक आदर्श दिन माना जाता है।

Vaishakh Vinayak Chaturthi 2025: वैशाख महीने में इस दिन है विनायक चतुर्थी, जानें तिथि और पूजा मुहूर्त

ऐसे करें विनायक चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा

- विनायक चतुर्थी पर पूजा करने के लिए, सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल को साफ करें और लाल कपड़े पर भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- ताजे फूल, दूर्वा घास, चंदन का लेप, धूप और मोदक चढ़ाएं।
- एक दीया जलाएं और "ओम गं गणपतये नमः" का जाप करें।
- विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें।
- आरती के साथ पूजा का समापन करें और परिवार के सदस्यों के बीच प्रसाद वितरित करें।
- इस दिन उपवास करना भी शुभ माना जाता है और भक्त ज्ञान, समृद्धि और बाधा मुक्त जीवन के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।

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