रामनवमी पर सूर्य की किरणों ने किया रामलला का अभिषेक, देखें वीडियो
अयोध्या में राम नवमी का पर्व इस बार बेहद खास रहा। इस पर्व पर रामलला के ललाट पर सूर्य की किरणों ने लगभग चार मिनट तक आभिषेक किया। यह दृश्य न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय अनुभव था, बल्कि एक ऐतिहासिक और अलौकिक घटना के रूप में याद किया जाएगा। इस समय सूर्य की किरणों ने रामलला के चरणों पर आशीर्वाद का रूप धारण किया, और इस क्षण ने सभी भक्तों के दिलों में एक गहरी श्रद्धा और आस्था की भावना को जागृत किया।
राम मंदिर में किया गया विशेष पूजा का आयोजन
राम नवमी के दिन, राम मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया गया, जो सुबह से ही शुरू हो गया था। इस पूजा में हजारों श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए और उनके चरणों में आशीर्वाद लिया। दोपहर 12 बजे के करीब, जब सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर पड़ीं, तो यह दृश्य बेहद भव्य और अलौकिक था। यह दृश्य चार मिनट तक स्थिर रहा, जो भक्तों के लिए एक दिव्य आशीर्वाद के रूप में अनुभव किया गया।
सूर्यतिलक प्रभु श्री राम लला का सूर्यदेव स्वयं करने पधारे हैं। #RamNavami ❤️ pic.twitter.com/qA8HyGA3ZT
— Ayodhya Darshan (@ShriAyodhya_) April 6, 2025
सुरक्षा और व्यवस्था में था खास ध्यान
राम नवमी के इस पर्व पर अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी थी, और इसको देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई थी, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के इस धार्मिक आयोजन में भाग ले सकें। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए थे।
हनुमानगढ़ी के महंत संजय दास ने बताया इसे अलौकिक और अद्भुत
हनुमानगढ़ी के महंत संजय दास ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह दृश्य सच में अद्भुत और अलौकिक है। भगवान राम का जन्म सूर्यवंशी परिवार में हुआ था, और जिस समय भगवान राम का जन्म हुआ, उस समय भगवान सूर्य भी एक महीने तक उनकी लीला देख रहे थे। इसलिए सूर्य की किरणों का यह आभिषेक सनातन धर्मियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और हम सभी इस क्षण का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
पिछले साल रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर भी किया गया था सूर्याभिषेक
यह दूसरा अवसर था जब रामलला के सूर्याभिषेक का आयोजन किया गया था, और यह आयोजन पिछले साल 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हुआ। इस दौरान वैज्ञानिकों ने भी इस घटना का अध्ययन किया और इसे एक ऐतिहासिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना गया।
रामलला की पूजा का दूरदर्शन पर हुआ लाइव प्रसारण
इस खास पूजा का लाइव प्रसारण दूरदर्शन पर किया गया था, और अयोध्या समेत कई प्रमुख शहरों में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन पर इसे दिखाया गया। लाखों लोग इस दिव्य क्षण का साक्षी बनने के लिए उपस्थित थे, और पूरी दुनिया ने इस अलौकिक आभिषेक को लाइव देखा।
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