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Rang Teras 2025: आज है रंग तेरस का त्योहार, भगवान कृष्ण को समर्पित है यह पर्व

रंग तेरस पर, भक्त श्रीनाथ जी की पूजा करते हैं, जिन्हें गोवर्धन पर्वत उठाने वाले कृष्ण का बाल रूप माना जाता है।
06:00 AM Mar 27, 2025 IST | Preeti Mishra
Rang Teras 2025

Rang Teras 2025: आज रंग तेरस का त्योहार मनाया जाएगा। यह पर्व जिसे रंग त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, चैत्र महीने में कृष्ण पक्ष के 13वें दिन मनाया जाता है। रंग तेरस (Rang Teras 2025) भाईचारे की भावना का प्रतीक है, एकता और एकजुटता को बढ़ावा देता है। यह त्योहार मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और बिहार सहित कई भारतीय राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

त्रयोदशी तिथि आरंभ: 01:43 पूर्वाह्न, 27 मार्च
त्रयोदशी तिथि समाप्त: रात्रि 11:03 बजे, 27 मार्च

भगवान कृष्ण के श्री नाथ जी रूप को समर्पित है रंग तेरस

रंग तेरस भगवान कृष्ण के पूजनीय स्वरूप श्रीनाथ जी को समर्पित है। यह त्योहार राजस्थान और गुजरात तथा मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां भक्त कृष्ण से जुड़े रंगों के दिव्य खेल का जश्न मनाते हैं।

रंग तेरस पर, भक्त श्रीनाथ जी की पूजा करते हैं, जिन्हें गोवर्धन पर्वत उठाने वाले कृष्ण का बाल रूप माना जाता है। मंदिरों में विशेष अनुष्ठान, कीर्तन और भजन किए जाते हैं, खासकर राजस्थान के नाथद्वारा में श्रीनाथ जी मंदिर में। किसान भी अपने मवेशियों का सम्मान करते हैं, जो गायों के प्रति कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है। यह त्यौहार भक्ति, समृद्धि और कृष्ण की दिव्य लीलाओं को दर्शाता है।

रंग तेरस का महत्व

रंग तेरस का त्योहार (Rang Teras 2025) उत्तर भारत में बहुत उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। देश भर में भगवान कृष्ण के मंदिरों में उल्लेखनीय उत्सव मनाया जाता है, जहां भक्त भगवान की पूजा करने के लिए एकत्रित होते हैं। यह उत्सव विशेष रूप से उन मंदिरों में विस्तृत और प्रसिद्ध है जहां भगवान कृष्ण को श्रीनाथजी के रूप में पूजा जाता है, जहाँ भक्तों की बड़ी भीड़ उमड़ती है।

भक्त (Rang Teras Significance) इन मंदिरों में शानदार उत्सव देखने के लिए उमड़ते हैं, जो समुदाय के उत्साह और भक्ति को दर्शाता है। हर साल, रंग तेरस को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, जो भक्तों और उनकी आस्था के बीच के बंधन को मजबूत करता है। त्योहार का जीवंत माहौल और हर्षोल्लासपूर्ण उत्सव इसे वास्तव में अविस्मरणीय अनुभव बनाते हैं।

चित्तौड़गढ़ में रंग तेरस का त्योहार

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में रंग तेरस का त्योहार बहुत ही श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, जो भगवान कृष्ण के एक रूप श्रीनाथ जी को समर्पित है। यह त्योहार कृष्ण की चंचल रास लीला और ग्वालों के साथ उनके संबंध को दर्शाता है। भक्त मंदिरों, खासकर सांवलिया सेठ मंदिर में प्रार्थना करने, आरती करने और भजन गाने के लिए इकट्ठा होते हैं।

इसका एक प्रमुख आकर्षण रंग-बिरंगा जुलूस होता है, जिसमें भक्त गुलाल लगाते हैं और लोक संगीत और नृत्य के साथ जश्न मनाते हैं। किसान भी अपने मवेशियों की पूजा करते हैं, जो गायों के प्रति कृष्ण के दिव्य प्रेम का प्रतीक है। यह पर्व भक्ति, समृद्धि और कृष्ण की चंचल भावना को दर्शाता है, जो इसे मेवाड़ में एक महत्वपूर्ण उत्सव बनाता है।

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