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Mahakumbh 2025: हिन्द फर्स्ट से स्वामी चिदानंद सरस्वती बोले, महाकुंभ संघर्ष नहीं संवाद की है कहानी

परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष परम पूज्य चिदानंद सरस्वती स्वामी ने गुजरात फर्स्ट के महाकुंभ महासंवाद में कई बातों पर प्रकाश डाला।
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Mahakumbh 2025

Hind First in Mahakumbh: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में अब भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। महाकुंभ में पवित्र स्नान के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु (Mahakumbh 2025) पहुंच रहे हैं। ऐसे समय में हिन्द फर्स्ट दर्शकों के लिए 'महाकुंभी महाकुंभ' कर रहा है।

संगम स्थान से हिन्द फर्स्ट (Hind First in Mahakumbh) की विभिन्न टीमों द्वारा ग्राउंड जीरो रिपोर्टिंग की जा रही है। हिन्द फर्स्ट की टीम महाकुंभ में आने वाले साधु-संतों, महंतों और जानी-मानी हस्तियों से खास बातचीत कर रही है। इसी क्रम में हिन्द फर्स्ट ने परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष परम पूज्य चिदानंद सरस्वती स्वामी से खास बात की।

चिदानन्द सरस्वती बोले, कुंभ मेले को निष्पक्ष बनाने के कई प्रयास हुए

परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष परम पूज्य चिदानंद सरस्वती स्वामी (Param Pujya Chidanand Saraswati Swami) ने हिन्द फर्स्ट के महाकुंभ महासंवाद में कई बातों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, कुंभ मेले को निष्पक्ष बनाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है. लेकिन, अभी भी कुछ लोग अच्छी व्यवस्था को लेकर योजना बना रहे हैं।

उन्होंने कहा, कुंभ मेले (Hind First in Mahakumbh) को निष्पक्ष बनाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है। लेकिन, अभी भी कुछ लोग अच्छी व्यवस्था को लेकर तमाम तरह की बातें कर रहे हैं। लेकिन, ये षडयंत्रकारी सनातन धर्म को पराजित नहीं कर सकते।

चिदानन्द सरस्वती स्वामी ने कहा कि दुनिया अब मानती है कि भारत में कुछ तो है...इस देश का संगम है संवाद। पूरी दुनिया देख रही है कि कैसे करोड़ों लोग महाकुंभ में महासंवाद कर रहे हैं। जाति, धर्म, अमीर या गरीब की परवाह किए बिना, लोग एक-दूसरे के साथ बातचीत कर रहे हैं और विश्वास की छलांग लगा रहे हैं।

'यह संघर्ष नहीं संवाद की कहानी है, आत्ममंथन की कहानी है।'

हिन्द फर्स्ट (Hind First) के चैनल हेड डाॅ. विवेक कुमार भट्ट (Dr Vivek Bhatt) से बातचीत के दौरान चिदानन्द सरस्वती स्वामी ने कहा कि यह संघर्ष नहीं बल्कि संवाद की कहानी है, यह आत्ममंथन की कहानी है। देश षडयंत्र से नहीं साधना से चलता है। महाकुंभ आस्था से अमृत तक की यात्रा है।

महाकुंभ (Hind First in Mahakumbh) में साफ-सफाई को लेकर चिदानंद सरस्वती स्वामी ने कहा, ''मैं खुद साफ-सफाई रखता हूं। अगर दुनिया भर से गंदगी कम हो जाए तो कोई और गंदगी नहीं करेगा। स्वच्छता है तो स्वास्थ्य है। स्वच्छता है तो भारत स्वस्थ है और स्वस्थ भारत से सशक्त भारत, समृद्ध भारत और शाश्वत भारत बनेगा।'' इसके साथ ही लोगों को संदेश देते हुए चिदानन्द सरस्वती स्वामी ने कहा कि हम सभी को अपनी संस्कृति का संरक्षण करना चाहिए। संस्कारों से जुड़े रहना है।

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