Maa Chandrahangta Temples: नवरात्रि के तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा के इन मंदिरों का दर्शन, मिलेगी शांति
Maa Chandrahangta Temples: आज चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है। इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र सुशोभित होता है, जिससे इन्हें चंद्रघंटा (Maa Chandrahangta Temples) कहा जाता है। मां का यह स्वरूप अत्यंत शांत, सौम्य और कल्याणकारी होने के साथ-साथ शत्रुनाशिनी भी है।
मां चंद्रघंटा सिंह पर सवार रहती हैं और उनके दस हाथों में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र होते हैं। इनकी पूजा से जीवन में सुख-शांति, साहस और निडरता प्राप्त होती है। इस दिन विशेष रूप से दूध और दूध से बने प्रसाद का भोग लगाया जाता है। इनकी कृपा से भक्तों के सभी भय और बाधाएं दूर हो जाती हैं।
नवरात्रि के तीसरे दिन यदि आप मां चंद्रघंटा का आशीर्वाद लेने के लिए किसी मंदिर (Maa Chandrahangta Temples) की तलाश कर रहे हैं तो वाराणसी और प्रयागराज में ऐसे दो मंदिर हैं जहां जाकर आप माता के दर्शन कर सकते हैं। आइये डालते हैं एक नजर।
चंद्रघंटा दुर्गा मंदिर, वाराणसी
चंद्रघंटा दुर्गा मंदिर वाराणसी (Chandraghanta Durga Temple Varanasi) में चंद्रघंटा गली के चौक पर स्थित है। काशी खंड के 70वें अध्याय के अनुसार शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन देवी दुर्गा के तीसरे स्वरूप देवी चंद्रघंटा को समर्पित है। मान्यता है कि चित्रकूप में स्नान कर चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्त चाहे कितने भी पाप कर ले, आस्था का मार्ग त्याग दे, उसका नाम कभी भी चित्रगुप्त की पुस्तकों में दर्ज नहीं होगा और उसे यमयातना का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह मंदिर सुबह 6 बजे से 10 बजे तक और शाम 6 बजे से 8 बजे तक खुला रहता है।
भक्तों की सुविधा के लिए स्थानीय परिवहन उपलब्ध है। भीड़-भाड़ वाले इलाके में होने के कारण भी यहां पर भक्तों की लम्बी कतारें देखी जा सकती है। माता को प्रसाद के रूप में लाल चुनरी, चूड़ी और नारियल का चढ़ावा जाता है।
मां क्षेमा माई मंदिर प्रयागराज
मां क्षेमा माई मंदिर प्रयागराज में स्थित एक प्राचीन और सिद्ध पीठ है, जिसे भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला माना जाता है। यह मंदिर देवी दुर्गा के एक रूप मां क्षेमा माई को समर्पित है, जहां नवरात्रि और विशेष पर्वों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। पुराणों में इस मंदिर का विशेष उल्लेख है। इस मंदिर में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के दर्शन एक साथ किए जा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां दर्शन करने से मानसिक और शारीरिक तनाव दूर होता है। नवरात्रि के दिनों यहां भक्तों की बहुत भीड़ रहती है।
मान्यता है कि यहां श्रद्धा से पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है। मंदिर का वातावरण भक्तिमय और दिव्य ऊर्जा से भरपूर रहता है। विशेष रूप से मंगलवार और शुक्रवार को यहां मां के दर्शन और विशेष पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं।
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