Mohini Ekadashi 2025: मई महीने में इस दिन है मोहिनी एकादशी व्रत, जानें तिथि और पारण का समय
Mohini Ekadashi 2025: मोहिनी एकादशी वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाने वाला एक पवित्र हिंदू व्रत दिवस है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने देवताओं में अमृत वितरित करने के लिए मोहिनी का आकर्षक रूप धारण किया था, ताकि वह राक्षसों के हाथों में न जाए। मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2025) का पालन करने से पाप धुल जाते हैं, शांति मिलती है और मोक्ष की ओर अग्रसर होते हैं। आध्यात्मिक ज्ञान और आंतरिक शक्ति प्राप्त करने के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
कब है मई महीने में मोहिनी एकादशी?
मई महीने में मोहिनी एकादशी 8 मई को मनाई जाएगी। वहीं व्रत के बाद पारण का समय 9 मई को सुबह 06:06 से 08:42 तक है।
एकादशी तिथि आरंभ - 07 मई 2025 को 10:19 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त - 08 मई 2025 को 12:29 बजे तक
मोहिनी एकादशी का महत्व
मोहिनी एकादशी हिंदू धर्म में बहुत आध्यात्मिक महत्व रखती है। वैशाख शुक्ल पक्ष के दौरान मनाई जाने वाली यह एकादशी उस दिव्य घटना का स्मरण कराती है जब भगवान विष्णु ने देवताओं में अमृत बांटने और राक्षसों को धोखा देने के लिए मोहिनी का रूप धारण किया था। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से पिछले पापों का नाश होता है, मानसिक स्पष्टता आती है और आध्यात्मिक मुक्ति में सहायता मिलती है। लोग इस दिन भगवान विष्णु की भक्ति के साथ पूजा करते हैं, एकादशी व्रत कथा पढ़ते हैं और अनाज का सेवन नहीं करते हैं।
मोहिनी एकादशी पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थल को साफ करें और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उत्थान के लिए ईमानदारी और भक्ति के साथ व्रत रखने का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसी के पत्ते, अगरबत्ती, घी का दीपक और फल चढ़ाएं और विष्णु सहस्रनाम या “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
- उपवास (निर्जला या फलाहार) रखें और अनाज, दाल और चावल से परहेज करें।
- मोहिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें
- शाम को आरती करें और भगवान विष्णु की स्तुति में भजन गाएँ।
- अगले दिन (द्वादशी) सूर्योदय के बाद ब्राह्मण को भोजन और दक्षिणा देकर और फिर सात्विक भोजन करके व्रत समाप्त करें।
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