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Mahakumbh 2025 Snan: महाशिवरात्रि पर महाकुंभ में स्नान का बेहद ख़ास है महत्त्व, जानिए शुभ मुहूर्त

प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ अब समाप्ति की ओर है। महाशिवरात्रि के पावन दिन के साथ महाकुंभ का समापन हो जाएगा।
06:02 PM Feb 25, 2025 IST | Preeti Mishra

Mahakumbh 2025 Snan: प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ अब समाप्ति की ओर है। कल यानि 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन दिन के साथ महाकुंभ का समापन हो जाएगा। ऐसे में कल फिर से बहुत बड़ी संख्या में लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक (Mahakumbh 2025 Snan) आयोजन है, जो हर 12 वर्षों में प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।

इस साल इस भव्य आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी को खत्म हो रहा है। इस दौरान कई प्रमुख तिथियों पर पवित्र स्नान का आयोजन किया गया , लेकिन महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025) पर संगम में स्नान (Mahakumbh Snan in mahashivratri shubh muhurat) का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती (Mahakumbh 2025 Snan) के संगम में आस्था की डुबकी लगाकर शिव कृपा प्राप्त करते हैं।

महाशिवरात्रि पर संगम स्नान का महत्व

महाशिवरात्रि भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह का पावन पर्व है। इस दिन शिव उपासना, उपवास (Mahakumbh 2025 Snan in mahashivratri )और गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुंभ मेले में महाशिवरात्रि (Mahakumbh Snan in mahashivratri) के स्नान को और भी अधिक पवित्र माना जाता है क्योंकि यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन संगम में स्नान करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं, जीवन में सुख-समृद्धि आती है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।

महाशिवरात्रि स्नान का शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि का व्रत और पूजनके साथ इस दिन संगम में शुभ मुहूर्त में स्नान करने का विशेष महत्त्व है

ब्रह्म मुहूर्त स्नान: प्रातः 5 :00 से 6 :00 बजे तक
अमृत काल स्नान: प्रातः 7: 28 से सुबह 9:00 बजे तक
विजय मुहूर्त स्नान: दोपहर 2:29 से दोपहर 3:15 बजे तक

महाशिवरात्रि स्नान के लाभ

पापों से मुक्ति: मान्यता है कि कुंभ के दौरान संगम स्नान से जन्म-जन्मांतर के पाप समाप्त हो जाते हैं।
शिव कृपा: भगवान शिव इस दिन अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं, जिससे उनके कष्टों का निवारण होता है।
सकारात्मक ऊर्जा: पवित्र संगम का जल नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
मोक्ष प्राप्ति: कुंभ स्नान को मोक्ष प्राप्ति का सीधा मार्ग माना गया है।
आयु वृद्धि: इस पवित्र स्नान से तन और मन शुद्ध होता है, जिससे व्यक्ति दीर्घायु और स्वस्थ जीवन प्राप्त करता है।

महाकुंभ स्नान के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

कुंभ में लाखों-करोड़ों लोग स्नान के लिए आते हैं, इसलिए भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें।
ठंडे पानी में स्नान करने से पहले स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखें और जरूरत हो तो गर्म कपड़े साथ रखें।
स्नान के दौरान प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें और चिह्नित घाटों पर ही स्नान करें।
संगम को स्वच्छ रखने के लिए प्लास्टिक और अन्य कचरा जल में न डालें।
स्नान के पश्चात भगवान शिव की पूजा करें और पंचामृत, बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाएं।

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