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Mahakumbh 2025: डॉ. कौशलेंद्रजी की हिन्द फर्स्ट से खास बातचीत, जानें सनातन बोर्ड के गठन को लेकर क्या बोले महाराज जी?

सनातन बोर्ड के गठन और महाकुंभ को लेकर डॉ. कौशलेन्द्र महाराज के साथ हिन्द फर्स्ट की खास बातचीत...
07:26 PM Jan 28, 2025 IST | Shiwani Singh

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में लाखों साधु-संत एकत्र हुए हैं। महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि संतों के एक ऐतिहासिक संगम के रूप में उभर रहा है। महाकुंभ (mahakumbh 2025) में अब एक बड़े निर्णय की संभावना जताई जा रही है। दरअसल, सनातनी संत कई वर्षों से भारत में सनातन बोर्ड की मांग कर रहे हैं। इस मांग को वास्तविक रूप देने के उद्देश्य से मंगलवार को महाकुंभ में धर्म संसद का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के अनेक साधु-संतों ने हिस्सा लिया।

हिन्द फर्स्ट की टीम ग्राउंड जीरो पर रहकर लगातार महाकुंभ (maha kumbha) की महाकवरेज कर रही है। टीम ने कई साधु-संतों के साथ सनातन धर्म और उससे जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर संवाद किया। इसी कड़ी में अखिल भारतीय श्रीरामानुज वैष्णव समिति आचार्यबाड़ा के महामंत्री डॉ. कौशलेन्द्र महाराज के साथ खास बातचीत की। यहां पढ़िए सनातन बोर्ड के गठन और महाकुंभ को लेकर डॉ. कौशलेन्द्र महाराज ने क्या कहा...

'महाकुंभ में मां गंगा की कृपा से बड़ा बदलाव संभव'

हिन्द फर्स्ट के साथ बातचीत के दौरान अखिल भारतीय श्रीरामानुज वैष्णव समिति आचार्यबाड़ा के महामंत्री डॉ. कौशलेन्द्र महाराज ने कहा, "अब समय आ गया है कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। महाकुंभ में मां गंगा की कृपा से बड़ा बदलाव होने वाला है, जो जल्द ही सबको समझ में आ जाएगा। हर हिंदू और हर सनातनी को यहां आना ही पड़ेगा। अभी तो बात 40 करोड़ की है, लेकिन अगले कुंभ में एक अरब लोग स्नान करने के लिए यहां आएंगे।"

क्या अपनी दिशा से भटक रहा है महाकुंभ?

वहीं जब बातचीत के दौरान हमारे संवाददाता देवनाथ पांडे ने महाराज जी से सवाल किया कि क्या सोशल मीडिया की वजह से महाकुंभ अपनी दिशा से भटक रहा है तो, इसके जवाब उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हो रहा। डॉ. कौशलेन्द्र महाराज ने कहा, "महाकुंभ अपनी दिशा से नहीं भटक रहा है। सब कुछ पूरी तरह से व्यवस्थित तरीके से चल रहा है। यह आयोजन सनातन धर्म के संरक्षण और उत्थान के लिए ऐतिहासिक साबित होगा।"

 

धर्म संसद का आयोजन और सनातन बोर्ड की मांग

बीते मंगलवार को महाकुंभ में आयोजित 'धर्म संसद' के दौरान कई संतों-आचार्यों ने सनातन धर्म से जुड़े मुद्दों और इसके महत्व को लेकर अपने विचार साझा किए। धर्म संसद में संतों ने एक स्वर में सनातन बोर्ड (sanatan board formation) की मांग की। संतों का मानना है कि भारत में सनातन धर्म के सिद्धांतों को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत संगठन की जरूरत है।

सनातन बोर्ड का गठन महत्वपूर्ण कदम

प्रयागराज महाकुंभ 2025 (prayagraj mahakumbh 2025) में बड़ी संख्या में संत और करोड़ों श्रद्धालु एकत्र हुए हैं। इस ऐतिहासिक आयोजन में संतों ने सनातन धर्म के संरक्षण और उत्थान के लिए अपनी एकजुटता प्रदर्शित की। धर्म संसद में शामिल संतों ने बातचीत के दौरान सनातन बोर्ड के गठन को लेकर अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। संतों का मानना है कि सनातन बोर्ड का गठन हिंदू धर्म और उसकी परंपराओं को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

'सनातन बोर्ड सनातन धर्म के सिद्धांतों की रक्षा करेगा'

संतों ने विश्वास जताया कि सनातन बोर्ड का गठन निश्चित रूप से होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह बोर्ड सनातन धर्म के सिद्धांतों की रक्षा करने और समाज में इसके महत्व को बढ़ाने के लिए कार्य करेगा। इस दौरान महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं ने संगम पर स्नान किया और धर्म संसद में संतों के विचारों को सुना। उम्मीद जताई जा रही है कि महाकुंभ का यह आयोजन सनातन धर्म के भविष्य की दिशा में एक निर्णायक क्षण साबित हो सकता है।

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