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Mahashivratri 2025: अद्भुत है यह शिव मन्दिर, यहां कौन कर जाता है रात में पूजा आज तक बना हुआ है रहस्य

मुरैना जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर भीषण जंगल में बने इस मंदिर में कई चमत्कार देखने को मिलते है।
09:22 AM Feb 26, 2025 IST | Preeti Mishra
Ishwara Mahadev temple Morena

Ishwara Mahadev Morena: देश भर में कई शिव मंदिर हैं जो अपने किसी ना किसी विशेष बात या चमत्कार के लिए जाने जाते हैं। ऐसा ही एक शिव मंदिर मध्य प्रदेश के मोरेना जिले में है। यहां का ईश्वरा महादेव मंदिर (Ishwara Mahadev Morena) अपने एक चमत्कार के लिए जाना जाता है। इस मंदिर में सुबह के पहर में अपने आप चावल और बेलपत्र चढ़े मिलते है। आज तक किसी को यह नहीं पता चला कि आखिर यह चमत्कार होता कैसे है। इस मंदिर में रात को रुकना मना है।

घने जंगल के बीच है ईश्वरा महादेव मंदिर

आपको बता दें कि मुरैना जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर भीषण जंगल में बने इस मंदिर में कई चमत्कार देखने को मिलते है। यहां लगातार 12 महीने भगवान भोलेनाथ (Ishwara Mahadev Morena) की प्रतिमा पर 24 घंटे जल से अभिषेक होता रहता है। यहाँ शिव की प्रतिमा पहाड़ के नीचे है। 12 महीने पानी प्रतिमा पर पड़ता है। आपको बता दें कि इस जंगल में केवल यहीं पर पानी मिलता है। आस पास कहीं भी पानी नहीं मिलेगा।

कौन चढ़ा जाता है बेल पत्र आज भी है रहस्य

यहां भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा (Shiva Temple in Morena) पर सुबह के पहर में सावन के महीने में अपने आप चावल बेलपत्र कुल मिलाकर पूरी तरह से पूजा हुई मिलती है। यह कैसे होता है इसका रहस्य आज तक कोई नहीं जान पाया। यहां इस रहस्य को जानने के लिए कई मीडिया संस्थान आए और पूरी रात कैमरा लगा कर बैठे रहे। लेकिन यहां सुबह के पहर में कई प्रकार की आवाज आने लगी और सांप बिच्छू निकलने लगे जिसके कारण वह लोग डर गए। सभी का कैमरा गिर गया और पूजा हो गयी। किसी को यह नहीं पता चला की पूजा कैसे हुई।

सावन के महीने में यहां आते हैं सांप

मुरैना में पहाड़गढ़ के जंगलों के बीच में बने ईश्वरा महादेव मंदिर में सावन के महीने सांप भी शिव का दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। यहां मौजूद पुजारी बताते है कि सांप सावन के दिनों में दर्शन के लिए मंदिर पर पहुचते हैं। ईश्वरा महादेव की प्रतिमा के चारों ओर पहाड़ है। इस जंगल में कई नाग रहते है। मंदिर के नीचे एक छोटा सा कुंआ बना हुआ। है इस कुएं में भगवान की प्रतिमा पर जल अभिषेक का पानी एकत्रित होता है। पुजारी बताते है यहां आने वाले सांप सिर्फ उन्ही को दीखते हैं भाग्यवान होता है। कई लोगों ने को पानी भरे हुए कुएं में सांप के दर्शन कर यह माना की उन्हें साक्षात भोलेनाथ के ही दर्शन हो गए। यहां के पुजारी बताते है कि यहां कई सांप बिच्छू पाए जाते है लेकिन यह किसी को काटते नहीं है।

क्या कहना है यहां आये श्रद्धालुओं का?

यहां आये एक श्रद्धालु ने हिन्द फर्स्ट से बात करते हुए बताया कि इस मंदिर की अपनी एक अलग ही महिमा है। यहां सुबह के समय आपको बेल पत्र आदि अर्पित किये हुए मिलेंगे। यहां पर केवल मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि राजस्थान, यूपी और दिल्ली तक से लोग आते हैं और मंदिर का दर्शन करते हैं। एक अन्य श्रद्धालु ने बताया कि यहां सुबह चार बजे बेल पत्र, चावल, फूल आदि चढ़े मिलते हैं और यह कैसे होता है आज तक किसी को पता नहीं चल पाया।

कैसे पंहुचें ईश्वरा महादेव मंदिर?

ईश्वरा महादेव मंदिर मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के पहाड़गढ़ क्षेत्र में स्थित है, जो मुरैना शहर से लगभग 66 किलोमीटर दूर है। यहां पंहुचने के लिए सड़क मार्ग से मुरैना शहर से मुरैना-पहाड़गढ़ रोड के ज़रिए दक्षिण-पश्चिम की ओर यात्रा करें। यह यात्रा लगभग 66 किलोमीटर की है और कार या टैक्सी से लगभग 1.5 से 2 घंटे का समय लेती है। वहीं मुरैना से पहाड़गढ़ तक बसें उपलब्ध हो सकते हैं। पहाड़गढ़ पहुँचने पर, मंदिर तक पहुँचने के लिए स्थानीय परिवहन का उपयोग किया जा सकता है।

रिपोर्ट-आकाश गौर

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