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Hanuman Jayanti 2025: एक गर्मी में तो एक जाड़े में, दो बार मनाई जाती है हनुमान जयंती, जानिए क्यों

ये दोहरी तिथियां इसलिए आती हैं क्योंकि अलग-अलग क्षेत्र अलग-अलग चंद्र कैलेंडर का पालन करते हैं।
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Hanuman Jayanti 2025: भगवान हनुमान का जन्मोत्सव करीब आ रहा है। भारत और दुनिया के कई हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाई जाने वाली हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti 2025) भक्तों को शक्ति और सुरक्षा के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए प्रेरित करती है। इस वर्ष यह त्योहार एक अनूठा पहलू लेकर आ रहा है, क्योंकि हनुमान जयंती दो बार मनाई जाएगी। इसका कारण सांस्कृतिक और खगोलीय घटना है। आइए हनुमान जयंती 2025, इसकी तिथियों, महत्व, अनुष्ठानों और इसे घर पर कैसे मनाएं, के बारे में विस्तार से जानें।

हनुमान जयंती 2025 तिथि

क्षेत्रीय विवधताओं और कैलेंडर व्याख्याओं के कारण हनुमान जयंती दो अवसरों पर मनाई जाएगी:

पहली हनुमान जयंती

तिथि: शनिवार, 12 अप्रैल, 2025
तिथि: चैत्र पूर्णिमा (हिंदू महीने चैत्र में पूर्णिमा दिवस)
पूजा मुहूर्त: 3:21 AM से 5:51 AM (12 अप्रैल, 2025)

Hanuman Jayanti 2025: एक गर्मी में तो एक जाड़े में, दो बार मनाई जाती है हनुमान जयंती, जानिए क्यों

दूसरी हनुमान जयंती

तिथि: गुरुवार, 25 दिसंबर, 2025
तिथि: मार्गशीर्ष अमावस्या (हिंदू महीने मार्गशीर्ष में अमावस्या दिवस)
पूजा मुहूर्त: सुबह 6:30 AM से 7:45 AM (अवधि: 1 घंटा और 15 मिनट)

ये दोहरी तिथियां इसलिए आती हैं क्योंकि अलग-अलग क्षेत्र अलग-अलग चंद्र कैलेंडर का पालन करते हैं। जबकि चैत्र पूर्णिमा हनुमान जयंती उत्तर भारत में व्यापक रूप से मनाई जाती है, मार्गशीर्ष अमावस्या हनुमान जयंती आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में अधिक आम है।

हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाई जाती है?

हनुमान जयंती का उत्सव वर्ष में दो बार मनाया जाता है, क्योंकि हिंदू कैलेंडर की व्याख्या में क्षेत्रीय और सांस्कृतिक भिन्नताएं हैं। दोनों तिथियां भगवान हनुमान के जन्म और भगवान राम के प्रति उनकी अटूट भक्ति का सम्मान करती हैं, लेकिन अनुष्ठान और समय अलग-अलग होते हैं।

चैत्र पूर्णिमा (उत्तर भारत): यह तिथि पारंपरिक मान्यता से मेल खाती है कि भगवान हनुमान का जन्म चैत्र महीने की पूर्णिमा के दिन हुआ था।

मार्गशीर्ष अमावस्या (दक्षिण भारत): यह तिथि भगवान हनुमान के प्रकट होने का दिन है, जिसे दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में "हनुमान विजयम" के रूप में मनाया जाता है।

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हनुमान जयंती के लिए पूजा मुहूर्त

किसी भी हिंदू त्योहार के लिए समय पर अनुष्ठान करना महत्वपूर्ण होता है, और हनुमान जयंती कोई अपवाद नहीं है। निर्दिष्ट पूजा मुहूर्त के दौरान त्योहार मनाने से आध्यात्मिक लाभ बढ़ता है:

चैत्र पूर्णिमा पूजा मुहूर्त: सुबह 3:21 बजे से सुबह 5:51 बजे तक (12 अप्रैल, 2025)
मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा मुहूर्त: सुबह 6:30 बजे से सुबह 7:45 बजे तक (25 दिसंबर, 2025)

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घर पर हनुमान जयंती के दिन पूजा कैसे करें

यदि आप मंदिर नहीं जा सकते हैं, तो आप इन चरणों का पालन करके घर पर हनुमान जयंती की पूजा कर सकते हैं:

पूजा क्षेत्र तैयार करें: फूलों से एक स्थान को साफ करें और सजाएं तथा भगवान हनुमान की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
प्रसाद: प्रसाद के रूप में फल, मिठाई और एक कटोरी पानी रखें।
पूजा अनुष्ठान: एक दीया और अगरबत्ती जलाएँ। हनुमान चालीसा और भगवान हनुमान को समर्पित अन्य मंत्रों का जाप करें।
आरती: मूर्ति या तस्वीर के सामने कपूर के दीये से आरती करें।
प्रसाद वितरण: प्रसाद को परिवार और दोस्तों में बाँट दें।
ध्यान: पूजा का समापन कुछ क्षणों के मौन या ध्यान के साथ करें।

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