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कड़ी सुरक्षा के बीच आज से चारधाम यात्रा शुरू, मंदिरों के कपाट आज से खुले

उत्तराखंड में पवित्र चारधाम यात्रा आज से शुरू हो गई है। इस यात्रा में लाखों तीर्थयात्री शामिल होंगे।
11:51 AM Apr 30, 2025 IST | Preeti Mishra

Chardham Yatra 2025: उत्तराखंड में पवित्र चारधाम यात्रा आज से शुरू हो गई है। इस यात्रा में लाखों तीर्थयात्री शामिल होंगे। आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण इस यात्रा में हिमालय की गोद में बसे चार पवित्र तीर्थस्थलों - यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन शामिल हैं। यात्रा की शुरुआत कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ की गई है, क्योंकि इस यात्रा (Chardham Yatra 2025) में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और संवेदनशील इलाका है, जिससे सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित होती है।

उत्तराखंड के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि चारधाम यात्रा 2025 के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, क्योंकि वार्षिक तीर्थयात्रा (Chardham Yatra 2025) बुधवार को शुरू हो गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा, "चार धाम यात्रा 2025 के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।"

6,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती, ड्रोन से होगी निगरानी

संवेदनशील भौगोलिक स्थिति और पिछली घटनाओं को देखते हुए, उत्तराखंड सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने व्यापक सुरक्षा उपाय किए हैं। यात्रा के लिए लगभग 6,000 पुलिसकर्मी और 17 पीएसी कंपनियां तैनात की गयी हैं। स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, चारों धामों में करीब 90 सीसीटीवी कैमरे, चारधाम मार्ग पर 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क और हरिद्वार में 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। स्थिति पर लगातार नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।

आपातकालीन देखभाल प्रदान करने के लिए प्रमुख स्थानों पर चिकित्सा शिविर और बचाव दल तैनात किए गए हैं। तीर्थयात्रियों को सुरक्षा ट्रैकिंग और भीड़ नियंत्रण के लिए आधिकारिक पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीकरण करना होगा। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मौसम संबंधी अपडेट और सलाह नियमित रूप से जारी की जा रही हैं।

चारधाम यात्रा का धार्मिक महत्व

सनातन धर्म में चारधाम यात्रा का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, चार धामों की यात्रा करने से व्यक्ति को जीवन और मृत्यु के चक्र से मोक्ष प्राप्त करने में मदद मिलती है। प्रत्येक तीर्थस्थल एक पवित्र तत्व का प्रतिनिधित्व करता है:

यमुनोत्री - यमुना नदी का उद्गम और पवित्रता का प्रतीक।
गंगोत्री - गंगा नदी का जन्मस्थान, जिसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र नदी माना जाता है।
केदारनाथ - भगवान शिव को समर्पित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक।
बद्रीनाथ - हिंदू त्रिदेवों में संरक्षक भगवान विष्णु का आसन।

चारधाम यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा ही नहीं है, बल्कि आस्था, धीरज और भक्ति की परीक्षा भी है। ऐसा माना जाता है कि इस तीर्थयात्रा को करने से पाप धुल जाते हैं और शांति और दिव्य आशीर्वाद मिलता है।

तीर्थयात्रियों को पता होनी चाहिए ये महत्वपूर्ण बातें

चारधाम यात्रा का अधिकतम लाभ उठाने के लिए, श्रद्धालुओं को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

अनिवार्य रजिस्ट्रेशन- यात्रा शुरू करने से पहले प्रत्येक तीर्थयात्री को ऑनलाइन या ऑफ लाइन काउंटरों पर पंजीकरण करना होगा। इससे यात्रा के दौरान आवाजाही पर नज़र रखने और सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।

तंदुरुस्ती और स्वास्थ्य- यात्रा में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ट्रैकिंग शामिल है। तीर्थयात्रियों को प्रस्थान से पहले स्वास्थ्य जांच करवाने की सलाह दी जाती है। आवश्यक दवाइयां, गर्म कपड़े और बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा साथ रखना ज़रूरी है।

यात्रा का सबसे अच्छा समय- यात्रा आमतौर पर अप्रैल-मई में शुरू होती है और मौसम की स्थिति के आधार पर अक्टूबर-नवंबर तक चलती है। मई से जुलाई तक के महीने सबसे व्यस्त होते हैं।

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