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Chaitra Navratri 2025: इस दिन से होगी चैत्र नवरात्रि की शुरुआत, जानें कब मनाया जायेगा राम नवमी

Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि देवी दुर्गा को समर्पित नौ दिवसीय हिंदू त्योहार है। यह हर साल चार बार आता है, जिसमें से दो प्रकट नवरात्रि होते हैं और दो गुप्‍त नवरात्रि होते हैं।
03:02 PM Feb 15, 2025 IST | Preeti Mishra

Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि देवी दुर्गा को समर्पित नौ दिवसीय हिंदू त्योहार है। यह हर साल चार बार आता है, जिसमें से दो प्रकट नवरात्रि होते हैं और दो गुप्‍त नवरात्रि होते हैं। प्रकट नवरात्रि में पहला नवरात्रि चैत्र (Chaitra Navratri 2025) के महीने में और दूसरा आश्विन मास में पड़ता है जिसे शारदीय नवरात्रि कहते हैं। गुप्त नवरात्रि, माघ और आषाढ़ महीने में आते हैं और तांत्रिक प्रथाओं के लिए मनाए जाते हैं।

नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025) में भक्त उपवास रखते हैं, प्रार्थना करते हैं और दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। चैत्र नवरात्रि, जिसे वसंत नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और उत्तर भारत में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इसका समापन भगवान राम के जन्म, रामनवमी पर होता है। इस अवधि के दौरान, लोग स्वास्थ्य, समृद्धि और आध्यात्मिक विकास के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।

कब से कब तक है चैत्र नवरात्रि?

चैत्र नवरात्रि नौ दिनों का उत्सव है जो हिंदू चंद्र-सौर कैलेंडर के पहले दिन से शुरू होता है। चैत्र हिंदू चंद्र कैलेंडर का पहला महीना है और इसके कारण इस नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025 Date) के रूप में जाना जाता है। चैत्र नवरात्रि उत्तर भारत में अधिक लोकप्रिय है। महाराष्ट्र में चैत्र नवरात्रि गुड़ी पड़वा से शुरू होती है और आंध्र प्रदेश में उगादी से शुरू होती है। चैत्र नवरात्रि इस साल 30 मार्च से शुरू होकर 7 अप्रैल तक चलेगी।

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च शाम 4 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी। यह तिथि 30 मार्च दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए नवरात्रि का शुभारंभ 30 मार्च से होगा।

इस दिन है राम नवमी

भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि (Ram Navami 2025) को हुआ था। प्रत्येक वर्ष इस दिन को भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। भगवान राम का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था जो कि हिंदू दिन का मध्य है। मध्याह्न जो छह घटी (लगभग 2 घंटे और 24 मिनट) तक रहता है, राम नवमी पूजा अनुष्ठान करने के लिए सबसे शुभ समय है। इस वर्ष 6 अप्रैल, रविवार को मनाया जाएगा। वहीं सीता नवमी 5 मई, सोमवार को मनाई जाएगी।

राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त - 12:03 से 14:29 तक
नवमी तिथि आरंभ - 05 अप्रैल 2025 को 21:56 बजे से
नवमी तिथि समाप्त - 06 अप्रैल 2025 को 21:52 बजे तक

चैत्र नवरात्रि का महत्व

चैत्र नवरात्रि, जिसे वसंत नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है, देवी दुर्गा को समर्पित नौ दिवसीय हिंदू त्योहार है। शारदीय नवरात्रि के उलट, चैत्र नवरात्रि का महत्व (Significance of Chaitra Navratri) विशेष कर उत्तर भारत में ज्यादा होता है। नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक अलग रूप की पूजा की जाती है, और भक्त समृद्धि और कल्याण के लिए उपवास करते हैं, पूजा करते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं। यह पर्व भगवान राम के जन्म, रामनवमी के साथ समाप्त होता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत, आध्यात्मिक नवीनीकरण और वसंत के आगमन का प्रतीक है, जो इसे नई शुरुआत और दिव्य आशीर्वाद के लिए एक शुभ अवधि बनाता है।

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