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Chair Farming: इस जगह होती है कुर्सी की खेती, इतने साल बाद मिलेगी डिलीवरी

राजस्थान(डिजिटल डेस्क)। Chair Farming: हमारी पूरी दुनिया हैरतअंगेज कारनामों से भरपूर है। आए दिन हमें (Chair Farming) कई हैरान कर देने वाली खबरें  सुनने और देखने को मिलती रहती है। आज तक आपने खेतों में फल और कई प्रकार की...
05:53 PM Jan 14, 2024 IST | Juhi Jha

राजस्थान(डिजिटल डेस्क)। Chair Farming: हमारी पूरी दुनिया हैरतअंगेज कारनामों से भरपूर है। आए दिन हमें (Chair Farming) कई हैरान कर देने वाली खबरें  सुनने और देखने को मिलती रहती है। आज तक आपने खेतों में फल और कई प्रकार की सब्जियों की खेती के बारे में सुना होगा लेकिन आज हम आपको ऐसे ही एक किसान के बारे में बताने जा रहे है जो अपने खेतों में सब्जियां या फल नहीं बल्कि कुर्सियां उगाते है। आइए जानते है किस जगह होती है कुर्सियों की खेती:—

इस जगह उगाई जाती है कुर्सियां:-

इंग्लैंड के डर्बीशायर डील्स के रहने वाले गैविन मुनरो कुर्सियों की खेती करते है। इस खेती को करने में समय और मेहनत दोनों ही काफी ज्यादा लगती है। लेकिन इसका लाभ भी उतना ही मिलता है। गैविन मुनरो द्वारा उगाई गई कुर्सियों की डिमांड कई देशों में है और इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है। खेत में उगी इन कुर्सियों को हर कोई अफोर्ड नहीं कर सकता। दरअसल इसकी कीमत लाखों में बताई जाती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि आप जिस प्रकार और आकार की कुर्सियां चाहते है वैसे ही कुर्सिया उगा दी जाती है।

एक कुर्सी की कीमत 5 से 7 लाख रूपए:-

इंग्लैंड के गैविन मुनरो के इस काम में उनकी पत्नी एलिस भी सहयोग करती है। कुर्सियां उगने में काफी समय लेती है। एक कुर्सी को उगाने में करीबन 7 सालों का समय लगता है। अगर आपने आज एक कुर्सी का आर्डर किया है तो आपको 6-7 साल बाद कुर्सियां बनने के बाद आपको डिलीवरी की जाएगी। जानकारी के अनुसार इस एक लड़की की कुर्सी की कीमत तकरीबन 5 से 7 लाख रूपए होती है।

खास पेड़ों का उपयोग:-

इन लकड़ियों की कुर्सियों को उगाने की बात करें तो जिन लकड़ियों से कुर्सी बनती है उसे सीधा पेड़ पर उगाया जाता है। यह फल की तहर पेड़ों पर लटकी हुई दिखाई देती है। इसके लिए गैविन एक खास तरह के पेड़ का उपयोग करते है। इस पेड़ का नाम वीलो है। वीलो पेड़ की टहनियां बहुत लचीली होती है। पेड़ की बेलों को कुर्सियों का रूप देने के लिए गैविन लोहे के फ्रेम का इस्तेमाल करते है। फ्रेम्स के अंदर लकड़ी की कुर्सी को फिट कर दिया जाता है। हर साल में इन पेड़ों की कटाई की जाती है ताकि कुर्सियों को आकार ना बिगड़ जाए। लकड़ी की कुर्सियां उगाने के लिए वीलो के अलावा ऐश,ओक और सिकामोर जैसे बेलों वाले पेड़ का भी इस्तेमाल किया जाता है।

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