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Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को क्यों चढ़ाए जाते है पीले चावल, क्या है इसका महत्व

राजस्थान (डि​जिटल डेस्क)। Basant Panchami 2024: पंचांग के अनुसार हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि (Basant Panchami 2024) को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन को श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम...
05:51 PM Feb 09, 2024 IST | Juhi Jha

राजस्थान (डि​जिटल डेस्क)। Basant Panchami 2024: पंचांग के अनुसार हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि (Basant Panchami 2024) को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन को श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से मां सरस्वती की पूजा करते है उन्हें बुद्धि,ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है। इस दिन मां सरस्वती को कई तरह के व्यजंनों के अलावा मीठे पीले चावलों का भोग भी लगाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती को खासतौर पर पीले चावलों का भोग लगाने का विशेष महत्व है। आइए जानते है कि इस दिन क्यों लगाया जाता है मीठे पीले चावल का भोग और क्या है इसका धार्मिक महत्व:—

क्या है मीठे चावल का धार्मिक महत्व:-

 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीला रंग सुख,समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है और मां सरस्वती को भी पीला रंग अतिप्रिय माना जाता है। इसी वजह से बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीले फूल अर्पित किए जाते है और पीले रंग से सजाया जाता है। इतना ही नहीं साधकों द्वारा पीले रंग का अधिक इस्तेमाल किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने से व्यक्ति के कुंडली में बृहस्पति की स्थिति और ज्यादा मजबूत हो जाती है।

वहीं पीले चावल से जुड़ी मान्यता है कि मां सरस्वती को पीले चावल बेहद प्रिय है। इसी वजह से बसंत पंचमी के दिन मां को मीठे पीले चावलों का भोग लगाया जाता है। इससे मां जल्दी प्रसन्न होती है और अपनी कृपा साधकों पर बरसाती है। मीठे पीले चावलों का भोग लगाने के ​बाद इस भोग के प्रसाद को लोगों में वितरण कर दिया जाता है।

बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त:-

 

पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी (Basant Panchami 2024) माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है और इस पंचमी तिथि का प्रारंभ 13 फरवरी को दोपहर में 02 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगा। उदया तिथि के अनुसार इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाई जाएगी। वहीं साधक बसंत पंचमी के दिन सुबह 07 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक मां सरस्वती की पूजा कर सकते है।

बसंत पंचमी पर पीले रंग का महत्व:-

 

 

बसंत पंचमी (Basant Panchami 2024) के दिन पीला रंग बेहद शुभ माना जाता है। पीला रंग बृहस्पति देव का प्रतीक होता है। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने से मां सरस्वती और बृहस्पति देव दोनों की कृपा बनी रहती है। इस रंग का मांगलिक कार्यो में भी विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है। वहीं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पीला रंग भगवान विष्णु को भी बेहद प्रिय माना गया है।

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