29 या 30 अप्रैल, कब है अक्षय तृतीया? जानें सही तिथि और मुहूर्त
Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया, समृद्धि और नई शुरुआत से जुड़ा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह पर्व, जिसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया (Akshaya Tritiya 2025) को पड़ता है। अक्षय तृतीया की तिथि नजदीक है लेकिन अभी भी लोगों के मन में भ्रम है कि यह त्योहार 29 अप्रैल को मनाया जाएगा या 30 अप्रैल को। आइये इसी भ्रम को करते हैं दूर।
अक्षय तृतीया तिथि और पूजा मुहूर्त
अक्षय तृतीया वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया (Akshaya Tritiya 2025) को मनाया जाता है। इस वर्ष वैशाख महीने की तृतीया तिथि की शुरुआत अप्रैल 29 को शाम 05:31 बजे होगा। वहीं इसका समापन 30 तारीख को दोपहर 02:12 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया के दिन पूजा मुहूर्त सुबह 06:11 से दोपहर 12:36 बजे तक है।
अन्य शहरों में अक्षय तृतीया का मुहूर्त
पुणे- 06:08 से 12:32
नई दिल्ली- 05:41 से 12:18
चेन्नई- 05:49 से 12:06
जयपुर- 05:49 से 12:24
हैदराबाद- 05:51 से 12:13
गुडगाँव- 05:42 से 12:19
चंडीगढ़- 05:40 से 12:20
कोलकाता- 05:05 से 11:34
मुंबई- 06:11 से 12:36
बेंगलुरु- 05:59 से 12:17
अहमदाबाद- 06:07 से 12:37
नॉएडा- 05:41 से 12:18
अक्षय तृतीया पर सोना खरदीने का मुहूर्त
चूंकि तृतीया तिथि दो दिन पड़ रही है इसलिए सोना खरदीने का भी मुहूर्त दो दिन है। मंगलवार, 29 अप्रैल, को अक्षय तृतीया सोना खरीदने का समय शाम 05:31 से सुबह 06:11 तक पुरे 12 घंटे 40 मिनट तक है। वहीं बुधवार, 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का समय सुबह 06:11 से दोपहर 02:12 बजे तक है। पूरे भारत में व्यापक रूप से मनाया जाने वाला अक्षय तृतीया, निवेश के लिए एक शुभ दिन माना जाता है, खासकर सोने में।
अक्षय तृतीया पर बन रहा विशेष संयोग
अक्षय तृतीया के दिन दो योग बन रहे हैं। पहला सर्वार्थ सिद्धि योग जो पूरे दिन रहेगा। दूसरा इस दिन शोभन योग भी बनेगा। इसलिए इस दिन खरीदी वस्तुएं अति फलदायी होंगी। अक्षय तृतीया के दिन बिना मुहूर्त के शादी, मुंडन, अन्नप्राशन सहित सभी मांगलिक कार्य किए जाते हैं। इस दिन खासकर सोने के अलावा चांदी से बने आभूषण या फिर मूर्ति भी खरीदकर घर ला सकते हैं। इसके साथ शुभ परिणामों के लिए इस दिन पर पीतल, कांसे या फिर मिट्टी के बर्तन के साथ-साथ कलश भी खरीदकर ला सकते हैं।
इस दिन से जुड़ी धार्मिक और पौराणिक घटनाएं
पौराणिक कथाओं के अनुसार अक्षय तृतीया पर कई प्रमुख घटनाएं घटित हुईं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन त्रेता युग की शुरुआत हुई थी और भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्म हुआ था। अन्य किंवदंतियों के अनुसार महर्षि वेद व्यास ने अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान गणेश को महाभारत सुनाना शुरू किया था। यह भी कहा जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण की अपने मित्र सुदामा से मुलाकात हुई थी और इसी दिन गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर उतरी थी।
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