पहलगाम हमला: सिंधु तो बस ट्रेलर था, असली जवाब बाकी... पाकिस्तान से कैसे हिसाब चुकता करेगा भारत? जानिए प्लान!
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 हिंदू पर्यटकों की नृशंस हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जिस तरह के कड़े कदम उठाए हैं, वह सिर्फ एक शुरुआत भर है। सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी बॉर्डर बंद करने के बाद अब भारतीय सेना का असली जवाबी हमला होना बाकी है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, भारत पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी सैन्य कार्रवाई की तैयारियों में जुटा हुआ है। भारत ने पाकिस्तान को धूल में मिलाने की पूरी स्क्रिप्ट लिख ली है और जल्द ही इसके परिणाम देखने को मिल सकते है।
पाकिस्तान के आर्मी जनरल ने अपने परिवार को विदेश भेजा
पहलगाम हमले के बाद भारत के कड़े रुख से पाकिस्तान सहमा हुआ है। पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इसहाक डार ने अजरबैजान और मिस्र के विदेश मंत्रियों से फोन पर बात कर मदद की गुहार लगाई है। वहीं, पाकिस्तान के गृह मंत्री ने धमकी भरे अंदाज में कहा है कि "अगर भारत ने पानी रोका तो पाकिस्तान युद्ध के लिए तैयार है।" हालांकि, भारत के लिए यह सिर्फ खोखली धमकियां हैं, क्योंकि देश की सेना पहले से ही पाकिस्तान को करारा जवाब देने की तैयारी कर चुकी है। वहीं खबर यह भी है कि अपने देश को मझधार में छोड़ पाक के बड़े आर्मी अफसर और नेताओं के परिवारों को विदेश में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।
सेना का प्लान: सर्जिकल स्ट्राइक या ड्रोन अटैक?
भारतीय सेना के पास पाकिस्तान को जवाब देने के कई विकल्प मौजूद हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत की रणनीति में बिना अंतरराष्ट्रीय सीमा पार किए ही पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना शामिल है। 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक की तर्ज पर इस बार भी सटीक हमले की संभावना है। उत्तरी कमान के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने कहा, "हमारे पास जमीनी और हवाई दोनों तरह के विकल्प हैं। ड्रोन हमले भी एक बड़ा ऑप्शन हो सकते हैं।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख की भूमिका पर सवाल
सरकारी सूत्रों का मानना है कि पहलगाम हमला पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के इशारे पर किया गया हो सकता है, जो देश के आर्थिक संकट के बीच अपनी सत्ता मजबूत करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में एक जनसभा में साफ किया था, "भारत हर आतंकी और उसके संरक्षकों को ढूंढकर सजा देगा। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन भी मिट्टी में मिला दी जाएगी।"
भारत का कड़ा संदेश साफ
सिंधु जल संधि का निलंबन भारत की रणनीति का सिर्फ पहला चरण है। असली सैन्य कार्रवाई अब होनी बाकी है, जो पाकिस्तान और उसके आतंकी संगठनों को ऐसा झटका देगी कि उनकी रूह तक कांप उठेगी। भारत सरकार का संदेश स्पष्ट है कि इस बार का जवाब इतना मजबूत होगा कि पाकिस्तान सोचने पर मजबूर हो जाएगा कि आतंकवाद की रणनीति से उसे कोई फायदा नहीं होने वाला।
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