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कहां है 'मोदी बंकर'? पहलगाम हमले के बाद फिर से खोला गया ताला, जानिए क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

पुंछ जिले में 'मोदी बंकर' की सफाई फिर से शुरू, पहलगाम हमले के बाद सीमावर्ती इलाकों में बढ़ा तनाव, सुरक्षा सुनिश्चित करने की तैयारी।
04:00 PM Apr 27, 2025 IST | Rohit Agrawal

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास बसे गांवों के निवासी एक बार फिर "मोदी बंकर" की ओर रुख कर रहे हैं। पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद सीमावर्ती इलाकों में तनाव बढ़ गया है, और ग्रामीण किसी भी आपात स्थिति के लिए इन अंडरग्राउंड शेल्टरों को तैयार कर रहे हैं। बता दें कि इन गांव के लोगों ने कई सालों की शांति के बाद इन बंकर्स की सफाई करना शुरू कर दी है।

क्या हैं 'मोदी बंकर'?

दरअसल ये 10 फीट गहरे, बुलेटप्रूफ बंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में बनाए गए थे, ताकि पाकिस्तानी गोलीबारी के दौरान स्थानीय लोगों की जान बचाई जा सके। ये बंकर पुंछ, राजौरी, बारामूला और कुपवाड़ा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में बनाए गए हैं। पहले लोगों को गोलीबारी शुरू होते ही घर छोड़कर भागना पड़ता था, लेकिन अब ये बंकर उन्हें सुरक्षित आश्रय देते हैं।

 

"फिर से साफ कर रहे हैं बंकर, डर तो है..."

करमारा गांव के एक निवासी ने बताया कि हम लोग बंकरों को भूल चुके थे, लेकिन पहलगाम हमले के बाद फिर से इनकी सफाई शुरू कर दी है।" ग्रामीण इन बंकरों में कंबल, बिस्तर और जरूरी सामान जमा कर रहे हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर पूरा परिवार सुरक्षित रह सके। एक अन्य ग्रामीण ने कहा, "हम सरकार और सेना के साथ हैं। पहलगाम हमले की हम निंदा करते हैं, लेकिन अगर जरूरत पड़ी, तो हम अपनी जान भी दे देंगे।"

क्यों बढ़ी बंकरों की जरूरत?

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव चरम पर है। सुरक्षा बलों को आशंका है कि LoC पर पाकिस्तानी सेना और घुसपैठ की कोशिश कर सकती है। ऐसे में, ग्रामीणों ने फिर से इन बंकरों को तैयार करना शुरू कर दिया है। स्थानीय प्रशासन ने भी लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

सरकार का वादा: सुरक्षा ही प्राथमिकता

'मोदी बंकर' ने साबित किया है कि सरकार की पहल सीमावर्ती नागरिकों की जान बचा सकती है। पहलगाम हमले के बाद एक बार फिर इन बंकरों का महत्व बढ़ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वे सरकार और सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि शांति बनी रहेगी। वहीं करमरा गांव के निवासी कह रहे हैं कि हम सरकार के शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने हमें सुरक्षा दी। अब हमें डर कम लगता है। इस बीच अब देखना है कि क्या पाकिस्तान और कोई गलत कदम उठाएगा, या फिर भारत की मजबूत सुरक्षा व्यवस्था के आगे घुटने टेक देगा।

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