पंजाब ग्रेनेड हमलों का मास्टरमाइंड अमेरिका की गिरफ्त में, कैसे आतंक को अंजाम देता था हैप्पी पासिया? जानिए
Happy Pasiya arrest: पंजाब में ग्रेनेड हमलों से दहशत फैलाने वाला गैंगस्टर हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया आखिरकार अमेरिका में धर लिया गया है। अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट (ICE) ने उसे हिरासत में लिया है, और यह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी जीत है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस खूंखार आतंकी पर 5 लाख का इनाम रखा था। पासिया ने पंजाब में 14 आतंकी हमलों की साजिश रची, जिसमें पुलिस चौकियों से लेकर निजी घरों तक को निशाना बनाया गया। बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा यह गैंगस्टर पाकिस्तान की ISI के इशारे पर काम करता था। आखिर कौन है यह हैप्पी पासिया, और कैसे फैलाया उसने पंजाब में आतंक? आइए, इस खबर को साधारण भाषा में समझें, जैसे कोई गाँव की चौपाल पर गप्पबाजी!
हैप्पी पासिया: छोटा गैंगस्टर कैसे बना बना बड़ा अपराधी?
हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया पंजाब के अमृतसर के पासिया गाँव का रहने वाला है। शुरू में छोटे-मोटे अपराधों में लिप्त पासिया ने जल्दी ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का साथ पकड़ लिया। 2021 में वह अवैध रास्ते से मेक्सिको बॉर्डर पार कर अमेरिका पहुँचा। वहाँ से उसने पंजाब में आतंक का जाल बिछाया।
NIA के मुताबिक, पासिया ने पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा के साथ मिलकर 14 ग्रेनेड हमलों की साजिश रची। इन हमलों में पुलिस चौकियाँ, धार्मिक स्थल, और BJP नेता मनोरंजन कालिया जैसे लोगों के घर निशाने पर थे। पासिया सोशल मीडिया पर हमलों की जिम्मेदारी लेता और आगे धमकियाँ देता था।
पंजाब में दहशत का बड़ा नाम है हैप्पी पसिया
पिछले छह महीनों में पंजाब में 16 ग्रेनेड हमले हुए, जिनमें से 14 में पासिया का नाम सामने आया। इन हमलों ने अमृतसर, बटाला, गुरदासपुर, और जालंधर में दहशत मचा दी। जनवरी 2025 में अमृतसर की गुमटाला पुलिस चौकी के पास एक पुलिस अधिकारी की गाड़ी में विस्फोट हुआ, जिसकी जिम्मेदारी पासिया ने ली। उसने दावा किया कि यह उसके परिवार पर पुलिस जुल्म का बदला था। सितंबर 2024 में चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के घर पर ग्रेनेड हमला भी पासिया ने करवाया। गनीमत रही कि ज्यादातर हमलों में बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इन घटनाओं ने पंजाब में खौफ का माहौल बना दिया। स्थानीय लोग और पुलिस ISI और स्लीपर सेल की साजिश से चिंतित हैं।
अमेरिका में कैसे पकड़ा गया?
हैप्पी पासिया लंबे समय से NIA और पंजाब पुलिस के रडार पर था। उसने अलग-अलग देशों के बर्नर फोन इस्तेमाल कर ट्रैकिंग से बचने की कोशिश की। 2021 में वह यूके और जर्मनी के रास्ते अवैध तरीके से अमेरिका पहुँचा था। NIA ने जनवरी 2025 में उस पर 5 लाख का इनाम घोषित किया और चंडीगढ़ कोर्ट में गिरफ्तारी वारंट के लिए अर्जी दी। भारतीय एजेंसियों ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर पासिया का पता लगाया। 17 अप्रैल 2025 को ICE ने उसे हिरासत में लिया। अब भारत उसकी प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने वाला है। यह गिरफ्तारी खालिस्तानी आतंक के खिलाफ बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
हैप्पी का ISI और रिंदा से क्या था कनेक्शन?
पासिया का सबसे बड़ा साथी था पाकिस्तान में बैठा BKI आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा। दोनों ने मिलकर पंजाब में आतंकी मॉड्यूल तैयार किए। NIA के मुताबिक, पासिया ने स्थानीय युवाओं को भड़काकर और हथियार देकर हमले करवाए। चंडीगढ़ के सेक्टर 10 हमले में पासिया ने रोहन मसीह और विशाल मसीह को हथगोला दिया था। रिंदा और पासिया को ISI का समर्थन था, जो पंजाब में अशांति फैलाना चाहती थी। पासिया की गिरफ्तारी से इस नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। X पर लोग इसे "ISI की हार" बता रहे हैं।
क्या भारत डिपोर्ट किया जाएगा हैप्पी?
हैप्पी पासिया की गिरफ्तारी से पंजाब पुलिस समेत NIA को बड़ी राहत मिली है, लेकिन चुनौतियाँ अभी बाकी हैं। भारत अब उसके प्रत्यर्पण की कोशिश करेगा, ताकि उसे यहाँ लाकर 17 आपराधिक मामलों में ट्रायल किया जा सके। इनमें UAPA, आर्म्स एक्ट, और NDPS एक्ट के तहत केस शामिल हैं। पासिया की गिरफ्तारी से BKI और ISI के नेटवर्क पर असर पड़ेगा, लेकिन स्लीपर सेल और सीमा पार आतंकवाद का खतरा अभी बरकरार है। पंजाब में अमन-चैन के लिए पुलिस को और सतर्क रहना होगा। पासिया की यह कहानी बताती है कि आतंक का कोई ठिकाना नहीं, लेकिन कानून की लंबी बाँह आखिरकार उसे पकड़ ही लेती है।
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