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FAKE ENCOUNTER: बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिये 2 मशहूर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट को उम्रकैद के आदेश...

Fake Encounter: मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने देश के 2 मशहूर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहे जाने वाले प्रदीप शर्मा को बॉम्बे हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। प्रदीप को रामनारायण गुप्ता...
07:22 PM Mar 19, 2024 IST | Bodhayan Sharma

Fake Encounter: मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने देश के 2 मशहूर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहे जाने वाले प्रदीप शर्मा को बॉम्बे हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। प्रदीप को रामनारायण गुप्ता उर्फ (FAKE ENCOUNTER) ​​लाखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में सजा सुनाई गई है। लाखन भैया छोटा राजन गैंग का सदस्य था। उनका एनकाउंटर नवंबर 2006 में मुंबई के वर्सोवा में हुआ था। जांच के दौरान पता चला कि यह मुठभेड़ फर्जी थी। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति गौरी की खंडपीठ ने निचली अदालत द्वारा 13 अन्य लोगों की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा। इन्हीं में से एक हैं प्रदीप सूर्यवंशी, जिन्होंने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर भी प्रसिद्धि हासिल की है।

प्रदीप शर्मा बरी

इन सभी आरोपियों पर नवी मुंबई के वाशी इलाके से लाखन भैया के अपहरण का (FAKE ENCOUNTER) आरोप था। लाखन का दोस्त अनिल भेड़ा भी पकड़ा गया। इस मामले में कोर्ट ने 6 आरोपियों को बरी कर दिया है, जबकि दो लोगों के खिलाफ मामला बंद कर दिया गया है। जब हाई कोर्ट में अपील चल रही थी तो इन लोगों की मौत हो गई। 12 जुलाई 2013 को मुंबई सेशन कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को मामले से बरी कर दिया। लेकिन प्रदीप सूर्यवंशी और अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

कोर्ट ने दिए फर्जी मुठभेड़ के आरोपों की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

वकील राजीव चव्हाण के मुताबिक, लखन भैया और उनके साथी अनिल भेड़ा को पुलिस (FAKE ENCOUNTER) ने वाशी स्थित उनके घर से उठाया था। इसके बाद 11 नवंबर 2006 को एक फर्जी मुठभेड़ में उनकी हत्या कर दी गई। इसके अलावा पुलिस का दावा है कि लाखन भैया छोटा राजन गैंग का सदस्य था। पुलिस का दावा है कि उस वक्त लाखन भैया के खिलाफ हत्या, रंगदारी और हत्या के प्रयास के कई मामले दर्ज थे। इस मामले में लखन भैया के भाई रामप्रसाद गुप्ता ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की. कोर्ट ने फर्जी मुठभेड़ के आरोपों की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए।

लखन भैया की हत्या पूरी प्लानिंग के साथ

मामले की जांच के बाद मजिस्ट्रेट ने 11 अगस्त 2008 को रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट से पता (FAKE ENCOUNTER) चला कि लाखन भैया की हत्या पूरी प्लानिंग के साथ की गई थी। ये कोई मुठभेड़ नहीं थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने एसआईटी का गठन किया और फर्जी मुठभेड़ मामले की दोबारा जांच की गई। इस गहन जांच के बाद एसआईटी द्वारा दायर की गई चार्जशीट में 22 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन्हीं लोगों में एक शख्स हैं जनार्दन भंगी। बताया जाता है कि उसका लखन भैया से जमीन विवाद चल रहा था। जिसके चलते उसने प्रदीप शर्मा और प्रदीप सूर्यवंशी को उसकी हत्या की सुपारी दी।

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