नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

ED POWER: ईडी की ताकत को जान लेना जरूरी है... बिना वारंट के भी कर सकते हैं गिरफ्तारी...!

ED POWER: दिल्ली। आप पिछले कुछ समय से मीडिया में एक शब्द बार-बार पढ़ रहे होंगे.. ईडी..! आम लोग सोच रहे होंगे कि आखिर ये ED क्या है? इसकी ताकत क्या है..? आपके मन में जो सवाल हैं उनका जवाब...
01:58 AM Mar 24, 2024 IST | Bodhayan Sharma

ED POWER: दिल्ली। आप पिछले कुछ समय से मीडिया में एक शब्द बार-बार पढ़ रहे होंगे.. ईडी..! आम लोग सोच रहे होंगे कि आखिर ये ED क्या है? इसकी ताकत क्या है..? आपके मन में जो सवाल हैं उनका जवाब आपको इस रिपोर्ट में मिलेगा। ईडी इससे पहले भी कई राष्ट्रीय मामलों में चर्चा में आई थी। जब जब बड़े नामों का जिक्र आईडी के साथ जोड़ा जाता है तो विपक्ष भी इस मुद्दे को भुनाने से नहीं चूकता। पिछले कुछ समय से ईडी की विपक्ष पर सक्रियता को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पर ईडी की कार्यप्रणाली को उससे पहले समझना जरूरी है।

ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को किया गिरफ्तार

ईडी ने अभी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी ईडी के पास आये थे। दोनों नेताओं को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, गिरफ्तारी से कुछ देर पहले ही हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जबकि अरविंद केजरीवाल अभी भी दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। इसलिए, केजरीवाल पद पर रहते हुए गिरफ्तार होने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं।

ईडी करती  क्या है?

ED का मतलब प्रवर्तन निदेशालय केंद्र सरकार की जांच एजेंसी है। जो भारत में वित्तीय कानूनों को लागू करने में मदद करता है। वित्तीय हेरफेर की जांच ईडी द्वारा की जाती है। यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के तहत काम करता है। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच करती है। इसके साथ ही ईडी भ्रष्टाचार के मामलों पर भी नजर रखती है। ED का काम भारत में आर्थिक अपराधों को रोकना है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) का निर्माण वर्ष 1956 में किया गया था। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।

इन मामलों की जांच है ED के हाथ

ईडी की जांच को लेकर कई नियम बनाए गए हैं। अगर किसी थाने में 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक के गबन का मामला दर्ज होता है तो पुलिस को इसकी जानकारी ईडी को देनी होती है। ईडी ने पुलिस से मामला अपने हाथ में ले लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। लेकिन किसी भी मामले में अगर मामला सबसे पहले ईडी के संज्ञान में आता है तो ईडी खुद ही जांच शुरू कर सकती है। ईडी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन, हवाला मामले, विदेश में स्थित संपत्ति, विदेश में संपत्ति की खरीद के मामलों की जांच करती है। जमीनी खरीद के मामलों में भी ईडी हस्तक्षेप करती है।

यह अधिकार होते हैं ईडी को

कानून द्वारा ईडी को कई शक्तियां दी गई हैं। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर उनकी संपत्ति और पैसा जब्त कर सकती है। ईडी अवैध वित्तीय गतिविधियों पर मुकदमा चला सकता है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ईडी किसी भी व्यक्ति के दफ्तर या घर पर छापेमारी कर सकती है। उसे गिरफ्तार कर सकती है और बिना पूछताछ के उसकी संपत्ति भी जब्त कर सकती है।

इन बड़े मामलों में ED ने की जांच

ईडी भारत में आर्थिक अपराधों को रोकने, जांच करने और अपराधियों को दंडित करने के लिए काम करती है। फिलहाल ईडी विजय माल्या, नीरव मोदी, रॉबर्ट वाड्रा, सोनिया गांधी, राहुल गांधी के खिलाफ मामले की जांच कर रही है। रांची में कथित जमीन घोटाले में ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। वहीं दिल्ली के कथित शराब घोटाले में केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है।

कई प्रभावशाली नेता ED की हिरासत में

कई प्रभावशाली नेता ईडी की हिरासत में हैं। पिछले हफ्ते ही ईडी ने इस कथित शराब घोटाले में के. कविता को भी गिरफ्तार कर लिया गया। कविता तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी होने के अलावा भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की एमएलसी भी हैं। इससे पहले पिछले साल ईडी ने शराब घोटाले में दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया को भी गिरफ्तार किया था। अक्टूबर में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था।

ED इतनी ताकतवर कैसे हो गई?

विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (FERA) 1947 में लागू हुआ। इसके तहत 1 मई 1956 को ED का गठन किया गया। पहले इसका नाम प्रवर्तन इकाई था। जिसे बाद में बदलकर प्रवर्तन निदेशालय कर दिया गया। प्रारंभ में, ईडी का काम विदेशी मुद्रा बाजारों में लेनदेन करने वाले लोगों की जांच करना था। बाद में PMLA, FEMA, FEOA जैसे कानून आए और ED की ताकत बढ़ गई। 2012 तक, ईडी केवल रुपये से जुड़े मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर सकता था। 30 लाख या उससे अधिक का दुरुपयोग किया गया। 2013 में 30 लाख रुपये की सीमा को खत्म करने के लिए कानून में संशोधन किया गया था।

यह भी पढ़े: ED ACTION AAP OFFICE: AAP ऑफिस पर ED का शिकंजा जारी, केजरीवाल के बाद आम आदमी पार्टी पर भी ED नज़र?

Tags :
AN INVESTIGATIVE AGENCY OF THE CENTRAL GOVERNMENTcentral governmentECONOMIC CRIMESEDED POWEREnforcement DirectorateFINANCIAL LAWSFOREIGN EXCHANGE MANAGEMENT ACTMONEY LAUNDERING CASESpower of ED

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article