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बड़ा खुलासा: मोबाइल फोन, पिस्टल और दशहरा, जानें बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के पीछे की असली कहानी

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में नए खुलासे हुए हैं, जिसमें पता चला है कि हत्यारों ने 28 दिनों तक बाबा की रेकी की और दशहरे के दिन हमला किया। शूटर्स और उनके कनेक्शन का पता चला है, जिसमें लारेंस गैंग का नाम भी सामने आया है। पुलिस हत्या में इस्तेमाल हुए हथियार और शूटरों के फोन के नंबरों की जांच कर रही है।
08:48 AM Oct 16, 2024 IST | Vibhav Shukla
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में बड़ा खुलासा

Baba Siddiqui murder case: बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में हाल ही में हुए नए खुलासे ने सबको चौंका दिया है। जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने बाबा के घर और ऑफिस की रेकी पिछले 28 दिनों तक की थी। सूत्रों के अनुसार, हत्यारों ने बाबा की हर गतिविधि पर नज़र रखी ताकि यह तय किया जा सके कि हमला कब किया जाएगा। पुलिस की मानें तो इस वारदात का समय दशहरे का दिन चुना गया। दिलचस्प बात यह है कि इस समय जीशान अख्तर मुंबई से बाहर था, लेकिन हत्याकांड की योजना वह वहीं से चला रहा था। यह संकेत देता है कि यह वारदात पहले से सोची-समझी थी और साजिश में काफी गहराई थी।

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शूटर्स और उनके कनेक्शन

इस हत्याकांड में शामिल शूटर्स की पहचान भी अब सामने आ चुकी है। शुभम लोंकर का भाई प्रवीण लोंकर, शूटर्स को पुणे से मुंबई लाने में मदद करता है। हत्या के बाद, प्रवीण ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर इस वारदात की जिम्मेदारी भी ली। रिपोर्ट्स के अनुसार, शूटर्स को पैसे शुभम ने दिए थे, जिससे स्पष्ट होता है कि यह एक प्री-प्लान्ड मर्डर था।

हत्याकांड में इस्तेमाल किए गए हथियार के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। पुलिस ने 9MM की पिस्टल को विदेशी बताया है, जो कि पंजाब से लायी गई थी। इस हथियार का जीशान अख्तर तक पहुंचने का रास्ता पाकिस्तान या नेपाल से होने का संदेह जताया जा रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि इस हत्या के मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई कनेक्शन हैं।

शूटरों के पास से तीन मोबाइल फोन भी बरामद

पुलिस ने मौके से पकड़े गए दो शूटरों के पास से तीन मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं। इन फोन में कुछ ऐसे नंबर मिले हैं जिन पर वारदात से पहले बातचीत हुई थी, लेकिन ये नंबर किसी नाम से सेव नहीं किए गए हैं। इन नंबरों की जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये किससे जुड़े हुए हैं। पुलिस का मानना है कि ये फोन अपराधियों के नेटवर्क का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकते हैं।

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इस मामले में एक और आरोपी शिव गौतम की भूमिका भी सामने आ रही है। शिव गौतम लारेंस गैंग के सदस्यों से जुड़ा हुआ था और उसने सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे टेलीग्राम और स्नैपचैट का इस्तेमाल किया। हत्याकांड के बाद उसे उज्जैन के पास ओंकारेश्वर जाने के लिए भी कहा गया था, जहां उसे लारेंस गैंग के एक गुर्गे से मिलना था।

जेल में गुरमेल से जीशान की मुलाकात

इसके अलावा, जीशान अख्तर की पंजाब की पटियाला जेल में गुरमेल से मुलाकात का मामला भी सामने आया है। इस मुलाकात से यह स्पष्ट होता है कि लारेंस गैंग का नेटवर्क कितना मजबूत है और इसमें कई लोग शामिल हैं। पुलिस अभी भी यह पता लगाने में जुटी है कि इस हत्याकांड में और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं।

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