ARVIND KEJRIWAL CASE UPDATE: हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की रिमांड पर तुरंत सुनवाई की अर्जी कर दी खारिज...
ARVIND KEJRIWAL CASE UPDATE: दिल्ली। आम आदमी पार्टी के सर्वे सर्वा और दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री को ईडी ने गिरफ्तार किया। उससे पहले ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय के 9 समन पर हाजिर नहीं होने कि सज़ा भुगतनी पड़ रही है। अब रिमांड के खिलाफ लगाई अरविंद केजरीवाल की अर्जी को भी हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब अरविंद केजरीवाल को कम से कम 28 तारीख तक ईडी की रिमांड पर रहना ही होगा।
24 मार्च को सुनावई की मांग खारिज
दिल्ली मुख्यमंत्री के पक्षकार वकील ने हाई कोर्ट में जल्दी सुनवाई की अर्जी लगाई थी। जो दिल्ली हाई कोर्ट ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन ने जल्दी सुनवाई और रिमांड के खिलाफ लगाई अर्जी के लिए इंकार कर दिया है। इस अर्जी ने केजरीवाल के वकील ने शनिवार या 24 तारीख को सुबह जल्दी सुनवाई के लिए आग्रह किया था। पर कोर्ट ने ऐसा करने से मना कर दिया है। होली को लेकर अवकाश होने की स्थिति में होली के बाद वापिस कोर्ट लगने पर ही सुनवाई हो पाएगी। इतने दिन रिमांड का समय अरविंद केजरीवाल को निकालना ही होगा।
केजरीवाल की याचिका में क्या?
अरविंद केजरीवाल की याचिका में हाई कोर्ट से अनुरोध किया गया कि सुनवाई जल्दी की जाए। याचिका में दलील दी गयी कि उनकी गिफ़्तारी सही नियमों के तहत नहीं होकर राजनीति से प्रेरित है। उनके लिए रिमांड के तथ्य भी सही नहीं है। इसलिए उन्हें रिमांड से रिहा किया जाए और इस बात के लिए सुनवाई जल्दी की जाए। राउज़ एवेन्यू कोर्ट के फैसले के विरोध में केजरीवाल के वकील हाई कोर्ट में गए थे। परंतु वहाँ से भी उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा।
अब सुनवाई होगी 28 मार्च दोपहर 2 बजे
अरविंद केजरीवाल के लिए ईडी ने दिल्ली शराब नीति में मुख्य किरदार मानते हुए 10 दिन की रिमांड की मांग की थी। परंतु राऊज कोर्ट ने केवल 6 जो दिन की रिमांड मंजूर की। ईडी का तर्क था कि शराब नीति के पूरे घोटाले के मुख्य साजिश कर्ता हैं। यानि पूरी घोटाले की प्लानिंग करने वाले केजरीवाल ही थे। राऊज कोर्ट के निर्णय के बाद केजरीवाल की टीम ने हाई कोर्ट में अपनी याचिका लगाई वो भी खारिज हो गयी। अब इस मामले में अगली सुनवाई 28 मार्च यानि ईडी की रिमांड पूरी होने के बाद दोपहर 2 बजे ही होगी। अब होली के अवकाश को लेकर किसी भी प्रावधान के तहत कोर्ट ने इस सुनवाई को करने से इंकार कर दिया है।