गांवों की बैंकिंग व्यवस्था में बड़ा बदलाव, 1 मई से लागू होगी ‘एक राज्य, एक आरआरबी’ योजना, जानिए क्या होंगे फायदे
देश की ग्रामीण बैंकिंग व्यवस्था में 1 मई से एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। केंद्र सरकार की ‘एक राज्य, एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB)’ योजना अब हकीकत बनने वाली है। इस योजना के तहत देश के 11 राज्यों में 15 RRBs को मिलाकर उन्हें एक-एक यूनिट में तब्दील किया जा रहा है। इस कदम के बाद, पूरे भारत में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या 43 से घटकर अब 28 रह जाएगी। यानी हर राज्य में सिर्फ एक आरआरबी काम करेगा। इससे न केवल बैंकिंग संचालन में दक्षता बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण इलाकों तक बैंकिंग सेवाओं की पहुंच भी पहले से बेहतर हो सकेगी।
क्या है ‘एक राज्य, एक आरआरबी’ योजना?
यह योजना वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग की पहल है, जो डॉ. व्यास समिति की 2005 की सिफारिशों पर आधारित है। इसका मुख्य उद्देश्य है – राज्यों के भीतर सभी RRBs को मिलाकर एकीकृत करना। सरल शब्दों में कहें तो, जहां एक राज्य में एक से अधिक RRBs मौजूद हैं, उन्हें मिलाकर एक मजबूत और दक्ष बैंकिंग इकाई बनाई जा रही है। इससे न केवल प्रशासन आसान होगा, बल्कि छोटे बैंकों की आपसी प्रतिस्पर्धा भी खत्म होगी। इसके मुख्य फायदे निम्न प्रकार हैं-
- परिचालन लागत में कटौती
- बैंकिंग गवर्नेंस को मजबूत बनाना
- मानव और तकनीकी संसाधनों का बेहतर उपयोग
6 मई को वित्त मंत्री करेंगी समीक्षा बैठक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 6 मई को इस योजना की समीक्षा करेंगी। बैठक में इन बैंकों की एकीकरण प्रक्रिया, संचालन की वर्तमान स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। इस समीक्षा में भाग लेने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान प्रमुख हैं।
किन-किन बैंकों का होगा विलय?
- उत्तर प्रदेश: आर्यावर्त बैंक, बड़ौदा यूपी बैंक और प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक मिलकर अब बनेंगे उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक, जिसका मुख्यालय लखनऊ होगा।
- आंध्र प्रदेश: चैतन्य गोदावरी, आंध्र प्रगति, सप्तगिरि और आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक अब बनेंगे आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक।
- पश्चिम बंगाल: बंगीय ग्रामीण विकास बैंक, उत्तर बंग और पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक को मिलाकर बनेगा नया पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक, जिसका मुख्यालय कोलकाता में होगा।
- बिहार: उत्तर और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का विलय कर बनेगा बिहार ग्रामीण बैंक, मुख्यालय पटना में बनाया जाएगा।
- गुजरात: बड़ौदा गुजरात और सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक मिलकर बनेंगे गुजरात ग्रामीण बैंक, मुख्यालय वडोदरा में होगा।
- जम्मू-कश्मीर: जेएंडके ग्रामीण बैंक और एलाक्वाई देहाती बैंक को मिलाकर बनेगा नया जम्मू-कश्मीर ग्रामीण बैंक, मुख्यालय जम्मू में होगा।
अन्य राज्यों – मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और कर्नाटक – में भी इसी तरह दो-दो बैंकों का विलय करके एक सिंगल यूनिट बनाई जा रही है।
बैंकों और ग्राहकों पर क्या होगा असर?
नई बैंकिंग व्यवस्था लागू होने से बैंक ग्राहकों को पहले से बेहतर और त्वरित सेवा मिल सकेगी, क्योंकि सभी शाखाएं अब एक ही नेटवर्क से जुड़ी होंगी। साथ ही बैंकों की प्रशासनिक लागत घटेगी, जिससे अधिक संसाधन ग्रामीण विकास में लगाए जा सकेंगे। एकीकृत टेक्नोलॉजी और स्टाफ मैनेजमेंट से बैंकिंग प्रोसेस आसान होंगे। सबसे बड़ी बात, बैंकों के बीच अब आपसी प्रतिस्पर्धा नहीं होगी, जिससे एकसमान नीति और योजना लागू की जा सकेगी।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बदल कर रख देंगे RRB
‘एक राज्य, एक आरआरबी’ योजना देश के ग्रामीण बैंकिंग सिस्टम को एक नई दिशा देने जा रही है। इससे न केवल बैंकों की कार्यप्रणाली सुधरेगी, बल्कि गांवों में रहने वाले लाखों लोगों को बैंकिंग सेवाएं अधिक प्रभावी और सुगम रूप में उपलब्ध होंगी। यह बदलाव भारत के वित्तीय ढांचे को जमीनी स्तर से मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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