• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में बोली निर्मला सीतारमण, ‘2047 तक विकसित भारत बनाएंगे’

"विकसित भारत" अब कोई दूर का सपना नहीं, बल्कि हर भारतीय के दिल में बसा एक मजबूत संकल्प बन चुका है। अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूशन में बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया...
featured-img

"विकसित भारत" अब कोई दूर का सपना नहीं, बल्कि हर भारतीय के दिल में बसा एक मजबूत संकल्प बन चुका है। अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूशन में बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि भारत का लक्ष्य 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनना सिर्फ एक आकांक्षा नहीं, बल्कि एक साझा राष्ट्रीय मिशन है जिसमें हर नागरिक की भूमिका अहम है।

2047 तक विकसित भारत – एक नया युग, एक नई दिशा

देश की वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि भारत अब केवल आर्थिक सुधारों पर ध्यान नहीं दे रहा, बल्कि नीति निर्माण और रणनीतिक योजना के माध्यम से एक ऐसे भविष्य की नींव रख रहा है, जिसमें समावेशी विकास, सतत प्रगति और वैश्विक सहयोग की अहम भूमिका होगी। उनके अनुसार, बीते एक दशक में भारत सरकार ने कई बड़े संरचनात्मक सुधार किए हैं। 20,000 से ज्यादा पुराने नियमों को खत्म या सरल किया गया है। व्यापार के कानूनों को अपराधमुक्त किया गया है, और सरकारी सेवाओं को डिजिटल रूप से उपलब्ध कराया गया है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता दोनों में इजाफा हुआ है।

Finance Minister Nirmala Sitharaman

बजट से बना बदलाव का रोडमैप

वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले दो केंद्रीय बजटों ने देश की विकास यात्रा को दिशा देने का काम किया है। बुनियादी ढांचे में निवेश और पूंजीगत खर्च में चार गुना से अधिक वृद्धि ने भारत को एक मजबूत विनिर्माण हब बनाने की नींव रखी है। इसके अलावा, राज्यों के बीच व्यापार अनुकूल नीतियों के लिए प्रतिस्पर्धा ने सुधारों की गति को और तेज किया है।

साहसिक सुधारों से बनेगा ‘विकसित भारत’

सीतारमण का मानना है कि आने वाले समय में भारत को वैश्विक परिदृश्य के अनुसार खुद को ढालने और निरंतर सुधार करते रहने की जरूरत है। इसमें डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, नवाचार, और वैश्विक भागीदारी अहम भूमिका निभाएंगे। "हमें आज के यथार्थ को समझते हुए भविष्य की योजना बनानी होगी। वैश्विक व्यवस्थाएं बदल रही हैं, और हमें उन परिवर्तनों का लाभ उठाना आना चाहिए," उन्होंने कहा।

Nirmala Sitharaman addressing session

स्टार्टअप्स और भारतीय डायस्पोरा की वैश्विक चमक

वित्त मंत्री ने प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। इंडियास्पोरा और बीसीजी की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से 2023 के बीच भारतीय मूल के उद्यमियों ने अमेरिका में 72 यूनिकॉर्न बनाए, जिनका मूल्यांकन 195 अरब डॉलर से अधिक है और जिनमें लगभग 55,000 लोगों को रोजगार मिला है। उन्होंने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की तुलना करते हुए कहा कि अमेरिका में यह क्षेत्र दशकों में विकसित हुआ, जबकि भारत अभी अपने शुरुआती लेकिन तेज़ी से बढ़ते चरण में है।

डिजिटल इंडिया बनेगा वैश्विक मॉडल

सीतारमण ने भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) की सराहना करते हुए बताया कि कैसे 1 अरब से अधिक डिजिटल पहचानें बनाकर सरकार ने कोविड-19 के दौरान लोगों तक सीधे मदद पहुँचाई। इससे न केवल आर्थिक सहायता संभव हुई, बल्कि टीकाकरण अभियान में भी बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने गर्व से बताते हुए कहा, "भारत की इस डिजिटल क्रांति की सराहना G-20, IMF और वर्ल्ड बैंक जैसे वैश्विक मंचों पर भी की गई है।"

एमएसएमई बनेगी भारत की आर्थिक रीढ़

सीतारमण ने जोर देकर कहा कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ की रीढ़ लघु और मध्यम उद्योग ही हैं। सरकार इन MSMEs को बढ़ावा देकर एक समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में काम कर रही है। निर्मला सीतारमण का यह संबोधन सिर्फ एक भाषण नहीं था, बल्कि भारत के उस भविष्य का खाका था, जो हर भारतीय के दिल में है – एक आत्मनिर्भर, नवाचार आधारित और वैश्विक नेतृत्व वाला भारत।

यह भी पढ़ें:

Indian Economy: जर्मनी-जापान को पीछे छोड़ देगा भारत ! क्या है हमारी सबसे बड़ी ताकत? नीति आयोग के CEO ने बताया

Japan’s Economy :दुनिया में सबसे ज़्यादा कर्ज़ होने के बावजूद कैसे टिका है Japan?

80 रुपए से खड़ा किया 1600 Crore का Business, जानिए लिज्जत पापड़ की सफलता की कहानी

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज tlbr_img4 वीडियो tlbr_img5 वेब सीरीज