New India Co-operative Bank Fraud:122 करोड़ रुपये के गबन मामले में मारुथुवर गिरफ्तार, अब तक पांच आरोपी पकड़े गए
New India Bank Fraud: मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (NICB) में 122 करोड़ रुपये के गबन मामले में वांछित आरोपी अरुणाचलम उल्लानाथन मारुथुवर को गिरफ्तार कर लिया है। मारुथुवर पर मुख्य आरोपी हितेश मेहता से लगभग 30 करोड़ रुपये प्राप्त करने का आरोप है। यह घोटाला बैंक की तिजोरियों से बड़ी रकम के गबन से जुड़ा है, जिसमें अब तक पांच लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
मारुथुवर गिरफ्तारी कैसे हुई?
पिछले एक महीने से फरार चल रहे अरुणाचलम उल्लानाथन मारुथुवर ने रविवार सुबह मुंबई स्थित EOW ऑफिस में आत्मसमर्पण कर दिया। उन पर मुख्य आरोपी हितेश मेहता से NICB की हेराफेरी की गई राशि में से करीब 30 करोड़ रुपये प्राप्त करने का आरोप है। मारुथुवर को अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 18 मार्च तक पुलिस रिमांड में भेज दिया गया।
क्या है NICB बैंक घोटाला?
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (NICB) में 122 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है। यह घोटाला बैंक के प्रभादेवी और गोरेगांव कार्यालयों की तिजोरियों से बड़ी रकम के गबन से जुड़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक की तिजोरियों का निरीक्षण करने के बाद इस घोटाले का पता लगाया। इसके बाद आरबीआई ने बैंक को नए ऋण जारी करने और जमा निकासी को निलंबित करने पर रोक लगा दी, साथ ही बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया और एक प्रशासक नियुक्त किया।
अब तक कुल पांच आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में अब तक पांच लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें मुख्य आरोपी हितेश मेहता, बैंक के महाप्रबंधक और खातों के प्रमुख, बैंक के पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोयान, रियल एस्टेट डेवलपर धर्मेश पौन और सिविल कॉन्ट्रैक्टर कपिल देधिया शामिल हैं। कपिल देधिया को 15 मार्च को वडोदरा से गिरफ्तार किया गया और उसे 19 मार्च तक पुलिस रिमांड में भेजा गया। इसके अलावा, अरुणाचलम के बेटे मनोहर अरुणाचलम को भी गिरफ्तार किया गया है, जो धोखाधड़ी वाले लेन-देन में शामिल होने के आरोप में फंसे हैं।
अन्य वांछित आरोपी अभी भी फरार
इस मामले में कई अन्य लोगों को वांछित आरोपी बनाया गया है, जिनमें बैंक के पूर्व अध्यक्ष हिरेन भानु और उनकी पत्नी, पूर्व उपाध्यक्ष गौरी भानु शामिल हैं। ये दोनों घोटाले के सामने आने से ठीक पहले विदेश भाग गए थे। EOW ने फरार रहने के दौरान अरुणाचलम का पता लगाने के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों में कई टीमें तैनात की थीं।
NICB बैंक की शाख हुई राख
इस घोटाले ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की विश्वसनीयता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। आरबीआई ने बैंक के संचालन पर रोक लगा दी है और एक प्रशासक नियुक्त किया है। इस घोटाले ने बैंकिंग क्षेत्र में नियमों और निगरानी की कमी को भी उजागर किया है, जिससे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
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