नया वित्त वर्ष, नए नियम: 1 अप्रैल से आपकी जेब पर पड़ने वाले हैं ये 5 बड़े असर
1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष 2025-26 शुरू हो रहा है, और इसके साथ ही आयकर से लेकर UPI तक कई नियमों में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। सरकार ने इन बदलावों के जरिए आम लोगों को राहत देने की कोशिश की है, साथ ही डिजिटल भुगतान और वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा दिया है। चाहे आप नौकरीपेशा हों, बिजनेस करते हों या फिर निवेशक, ये बदलाव सीधे आपकी जेब और बैंक बैलेंस को प्रभावित करेंगे। आइए, विस्तार से समझते हैं कि नए वित्त वर्ष में क्या-क्या बदलाव होने वाले हैं और ये आपके लिए कैसे फायदेमंद या चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
1.12.75 लाख तक की आय पर नहीं लगेगा टैक्स
नए वित्त वर्ष में सरकार ने आयकरदाताओं को बड़ी राहत देते हुए नई टैक्स व्यवस्था के तहत 12.75 लाख रुपये तक की सालाना आय को पूरी तरह टैक्स-फ्री कर दिया है। इसमें 12 लाख रुपये की बेसिक छूट के अलावा 75 हजार रुपये का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन शामिल है। हालांकि, यह छूट केवल उन्हीं लोगों को मिलेगी, जो नई टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं। अगर आप पुरानी व्यवस्था के तहत ही टैक्स भरना चाहते हैं, तो आपको विभिन्न निवेशों पर छूट का लाभ मिलता रहेगा।
आय (रुपये में) | टैक्स प्रतिशत |
---|---|
0 - 4 लाख | 00% |
4 - 8 लाख | 05% |
8 - 12 लाख | 10% |
12 - 16 लाख | 15% |
16 - 20 लाख | 20% |
20 - 24 लाख | 25% |
24 लाख से ज्यादा | 30% |
(नोट: कर छूट से ज्यादा आय होने पर इस स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा।)
2.बचत योजनाओं पर ब्याज छूट की सीमा बढ़ी
बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), रिकरिंग डिपॉजिट (आरडी) और अन्य बचत योजनाओं में निवेश करने वालों के लिए भी अच्छी खबर है। अब वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली 1 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा, जबकि पहले यह सीमा केवल 50 हजार रुपये थी।
इसी तरह, अन्य लोगों के लिए यह सीमा 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई है। यह कदम छोटे निवेशकों को अधिक बचत करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
3.UPI में बड़ा बदलाव: निष्क्रिय नंबर वाली ID होंगी बंद
डिजिटल भुगतान के इस दौर में UPI ने लेन-देन को आसान बना दिया है, लेकिन अब इससे जुड़ा एक नया नियम लागू हो रहा है। 1 अप्रैल से अगर किसी UPI ID से जुड़ा मोबाइल नंबर निष्क्रिय हो गया है, तो वह ID काम करना बंद कर देगी। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के इस फैसले का मकसद धोखाधड़ी को रोकना और UPI लेनदेन को और सुरक्षित बनाना है। अगर आपके पास भी कोई ऐसी UPI आईडी है, जिसका नंबर एक्टिव नहीं है, तो उसे तुरंत अपडेट करवा लें।
4.मकान किराए की आय में छूट बढ़कर 6 लाख रुपये हुई
अगर आप किराए पर मकान देते हैं, तो नए वित्त वर्ष में आपको अधिक टैक्स छूट मिलेगी। अब किराए से होने वाली आय में छूट की सीमा बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है। इसका मतलब यह है कि अगर आपको साल भर में 6 लाख रुपये से कम का किराया मिलता है, तो उस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। यह कदम शहरी क्षेत्रों में किराया बाजार को बढ़ावा देने और संपत्ति मालिकों की आय बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
5.विदेश में पढ़ रहे बच्चों को अधिक पैसा भेज सकेंगे
विदेश में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के माता-पिता के लिए भी एक बड़ी राहत की खबर है। अब वे अपने बच्चों की फीस और अन्य खर्चों के लिए 10 लाख रुपये तक की रकम बिना किसी टैक्स के भेज सकेंगे। पहले यह सीमा केवल 7 लाख रुपये थी। इसके अलावा, 10 लाख रुपये से अधिक की रकम भेजने पर अब सिर्फ 5% टैक्स देना होगा। यह नियम विदेश में पढ़ाई कर रहे छात्रों और उनके परिवारों के लिए काफी मददगार साबित होगा।
क्या है आपके लिए सबसे बड़ा बदलाव?
इन सभी बदलावों में सबसे बड़ी राहत आयकरदाताओं को मिली है, जिन्हें अब 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, UPI के नए नियम से डिजिटल भुगतान को और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी। अगर आप इन बदलावों का फायदा उठाना चाहते हैं, तो अपनी वित्तीय योजनाओं को तुरंत अपडेट कर लें।
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