भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बना ‘सोने की खान’, पाकिस्तान की माली हालत फिर बिगड़ी
जब भारत की अर्थव्यवस्था उड़ान भर रही हो, तो आंकड़े खुद गवाही देते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (India Foreign Exchange Reserves) में लगातार सातवें हफ्ते बढ़ोतरी दर्ज की गई है, और वो भी जबरदस्त $8.31 बिलियन की छलांग के साथ। वहीं, पड़ोसी पाकिस्तान की हालत फिर से डांवाडोल हो गई है, क्योंकि उसका फॉरेक्स रिजर्व गिरते-गिरते अब $15.43 बिलियन पर पहुंच गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार ने छू लिया 6 महीने का शिखर
18 अप्रैल 2025 को समाप्त हुए सप्ताह में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बताया कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार अब $686.14 बिलियन के स्तर पर पहुंच गया है, जो बीते छह महीनों में सबसे ऊँचा आंकड़ा है। एक हफ्ते पहले भी भंडार में $1.56 बिलियन की बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन इस बार ग्रोथ का पैमाना कहीं ज्यादा बड़ा रहा।
FCA और गोल्ड रिजर्व ने दिखाई दमदार परफॉर्मेंस
RBI के अनुसार इस हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में जो भारी उछाल आया है, उसके पीछे दो बड़े कारण हैं – Foreign Currency Assets (FCA) और Gold Reserves में आई जबरदस्त तेजी। FCA, जो किसी भी देश के फॉरेक्स रिजर्व की रीढ़ होता है, उसमें $3.516 बिलियन की बढ़ोतरी हुई है। अब FCA बढ़कर $578.495 बिलियन हो गया है। साथ ही, गोल्ड रिजर्व में भी $4.575 बिलियन की बंपर बढ़ोतरी हुई है, जिससे अब भारत का स्वर्ण भंडार पहुंच गया है $84.572 बिलियन के शानदार स्तर पर।
SDR और IMF रिजर्व में भी बढ़त
रिज़र्व बैंक के डेटा के मुताबिक, SDR (Special Drawing Rights) में भी इस हफ्ते $212 मिलियन की वृद्धि हुई है। वहीं IMF (International Monetary Fund) के पास रखे रिजर्व फंड में $7 मिलियन की बढ़त हुई, जिससे यह आंकड़ा अब $4.51 बिलियन तक पहुंच गया है।
पाकिस्तान की तिजोरी हो रही खाली
दूसरी ओर, पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट देखी गई है। 18 अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह में वहां का फॉरेक्स रिजर्व $226 मिलियन घटकर सिर्फ $15.436 बिलियन पर सिमट गया है। एक हफ्ते पहले भी $90.7 मिलियन की गिरावट देखी गई थी। इस गिरावट से साफ है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एक बार फिर संकट में घिरती नजर आ रही है, जबकि भारत मजबूत स्थिति में खड़ा है और वैश्विक निवेशकों के लिए भरोसेमंद गंतव्य बना हुआ है।
देश के लिए सकारात्मक संकेत है बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार मजबूत हो रहा है – FCA, गोल्ड, SDR और IMF में बढ़त इसके गवाह हैं। दूसरी तरफ, पाकिस्तान की गिरती आर्थिक सेहत उसे एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सहायता की ओर झुका सकती है। भारत के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि उसकी वित्तीय स्थिति वैश्विक स्तर पर मजबूती की ओर बढ़ रही है।
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