भारतीय रूपए ने छुड़ाए डॉलर के पसीने, दुनिया को दिखाई अपनी शक्ति
कुछ समय पहले तक डॉलर की मजबूती भारतीय रुपये के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। पिछले 10 दिनों में रुपया दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है।
हालांकि, बुधवार को भारत में फॉरेक्स मार्केट बंद था, लेकिन इंटरबैंक एक्सचेंज रेट के मुताबिक, मंगलवार की क्लोजिंग के मुकाबले रुपया और मजबूत हुआ है। यह तब हो रहा है जब इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही हैं। दूसरी ओर, बुधवार को शेयर बाजार में भी अच्छी तेजी देखी गई।
इसके अलावा, टेस्ला के भारत में आने की खबरें पक्की होने और डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का असर कम होने की संभावनाओं ने भी रुपये को मजबूती दी है। डॉलर इंडेक्स भी गिरकर 107 के स्तर से नीचे आ गया है, जिससे रुपये को और सहारा मिला है।
12 फरवरी के बाद से रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले करीब 1.5% बढ़ चुकी है। हालांकि, पिछले दो दिनों में रुपये में थोड़ी कमजोरी दिखी थी। आइए जानते हैं कि इंटरबैंक एक्सचेंज (IBR) के आंकड़े क्या बताते हैं।
रुपए में आई तेजी
डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत हो रहा है। IBRlive.com के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार के मुकाबले में रुपया 13 पैसे चढ़कर 86.85 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
आज बाजार खुलते ही रुपया 86.89 पर था और दिन के उच्चतम स्तर 86.83 तक पहुंच गया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि रुपये में अच्छी तेजी देखी जा रही है। अगर पिछले दो दिनों के उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज कर दें, तो रुपया अब तक करीब 1.5% मजबूत हो चुका है।
मंगलवार की स्थिति पर एक नजर
मंगलवार को इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपये की कीमत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 10 पैसे गिरकर 86.98 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई। रुपये में यह गिरावट डॉलर इंडेक्स में मजबूती और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के चलते आई।
विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये पर दबाव बना हुआ है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक अब इसे ज्यादा समर्थन नहीं दे रहा। मंगलवार को रुपया 86.94 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और कारोबार के दौरान 86.91 के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। लेकिन दिन के अंत में यह गिरकर 86.98 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले दिन की तुलना में 10 पैसे कम है।
सोमवार को भी रुपये में गिरावट देखी गई थी, जब यह 17 पैसे टूटकर 86.88 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इसके अलावा, देश के व्यापार घाटे के निराशाजनक आंकड़ों ने भी रुपये पर दबाव बढ़ाया।
रूपए में तेजी का क्या है कारण ?
बुधवार को IBR एक्सचेंज में डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत हुआ, और इसके पीछे एक बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि ट्रंप के नए टैरिफ का असर भारत पर कम पड़ने की संभावना है।
डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलन मस्क ने हाल ही में भारत में टेस्ला के लिए बड़े प्लान का ऐलान किया है। उन्होंने न सिर्फ भारत में हायरिंग शुरू करने की बात कही है, बल्कि मुंबई और दिल्ली में दो नए शोरूम खोलने की भी घोषणा की है।
इससे विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ट्रंप के टैरिफ से भारत को कोई बड़ा झटका नहीं लगेगा।
इसके अलावा, पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे के बाद कई चीजें स्पष्ट हो गई हैं। भारत पहले ही कुछ टैरिफ में कटौती कर चुका है और सरकार की नई EV पॉलिसी में भी बड़ी रियायतें दी गई हैं।
इन वजहों से रुपए को मजबूती मिल रही है और यह रुख आगे भी जारी रह सकता है।
डॉलर इंडेक्स में आई गिरावट
डॉलर इंडेक्स में गिरावट जारी है, जिससे रुपए को सपोर्ट मिल रहा है। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, डॉलर इंडेक्स 0.15% गिरकर 106.89 के स्तर पर पहुंच गया है, जो कि आज का सबसे निचला स्तर है।
अगर पिछले पांच दिनों की बात करें, तो डॉलर इंडेक्स में लगभग 1% की गिरावट आई है, जबकि एक महीने में यह 1.18% तक गिर चुका है। इस साल अब तक डॉलर इंडेक्स में करीब 1.5% की गिरावट देखी गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) ने ब्याज दरों में जल्द कटौती से इनकार कर दिया है, जिससे डॉलर कमजोर हो रहा है और इंडेक्स में गिरावट जारी है।
यह भी पढ़े:
महंगे होते सोने से लोगों ने बनाई दूरी, शादियों के मौसम में भी आयी 80% की गिरावट