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अश्विनी वैष्णव ने बताया पिछले 10 साल में कितना बदला भारत, गिनाई ये उपलब्धियां

भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के क्षेत्र में जबरदस्त बढ़त हुई है। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी योजनाओं से देश में नौकरियां भी पैदा हुई हैं।
05:28 PM Feb 04, 2025 IST | Vyom Tiwari

पिछले दस सालों में भारत में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग काफी तेजी से बढ़ी है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि सरकार ने मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत इस सेक्टर में कितनी तरक्की की है।

मंत्री ने कुछ अहम आंकड़े भी साझा किए। उन्होंने बताया कि 2014 में देश में सिर्फ 2 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट थीं, लेकिन आज ये संख्या 300 से ज्यादा हो चुकी है। इसके अलावा, इस सेक्टर में निवेश और प्रोडक्शन में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। इससे भारत अब वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के बड़े खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।

भारत के एक्सपोर्ट में आया बड़ा उछाल 

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2014 में भारत में मोबाइल फोन निर्माण का कुल मूल्य सिर्फ 18,900 करोड़ रुपए था, लेकिन 2023-24 तक यह बढ़कर 4,22,000 करोड़ रुपए हो गया है। इसके अलावा, 2014 में भारत से मोबाइल फोन का निर्यात लगभग न के बराबर था, लेकिन अब यह 1,29,000 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। सरकार के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसे अभियानों ने देश में उत्पादन को बढ़ावा दिया है, जिससे भारत अब इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का एक बड़ा केंद्र बनता जा रहा है।

खिलौने, रक्षा उपकरण के निर्माण में भी आत्मनिर्भर बन रहा भारत 

भारत अब सिर्फ मोबाइल फोन ही नहीं, बल्कि खिलौने, रक्षा उपकरण और इलेक्ट्रिक वाहन मोटर्स जैसे उत्पादों के निर्माण में भी आत्मनिर्भर बन रहा है। सरकार की कोशिश है कि भारत को एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया जाए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 1950 से 1990 के बीच सख्त नीतियों की वजह से भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नुकसान हुआ, लेकिन 'मेक इन इंडिया' अभियान ने इस स्थिति को बदल दिया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह पहल देश में उत्पादन बढ़ाने, आत्मनिर्भरता को मजबूत करने और अधिक नौकरियां पैदा करने में अहम भूमिका निभा रही है।

मोबाइल फ़ोन के साथ अब उसके उपकरणों पर भी जोर

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि पिछले दस सालों में मोबाइल फोन निर्माण क्षेत्र ने 12 लाख से ज्यादा लोगों को सीधा और परोक्ष रूप से रोजगार दिया है। अब सरकार इस उद्योग को और आगे ले जाने की योजना बना रही है, जिसमें देश में ही ज्यादा से ज्यादा कंपोनेंट्स और चिप्स का निर्माण शामिल होगा। उन्होंने बताया कि 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत भारत में अब चार्जर, बैटरी पैक, यूएसबी केबल, कीपैड, डिस्प्ले असेंबली, कैमरा मॉड्यूल, लिथियम-आयन सेल, स्पीकर और माइक्रोफोन जैसे कई जरूरी पार्ट्स बनाए जा रहे हैं। इससे भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को और मजबूती मिल रही है।

 

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