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G-20 देशों में भारत की विकास दर को लेकर बड़ी खबर ! मूडीज रेटिंग्स का क्या अनुमान?

आज से शुरु हुए नए वित्त वर्ष में भारत की विकास दर को लेकर मूडीज रेटिंग्स ने अनुमान जताया है।
04:29 PM Apr 01, 2025 IST | Vivek Chaturvedi

India GDP Moody's Ratings: आज से नया वित्त वर्ष 2025-26 शुरु हो गया है। इस बीच भारत की विकास दर को लेकर एक अनुमान सामने आया है। (India GDP Moody's Ratings) जिसके मुताबिक इस वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि 6.5 प्रतिशत रह सकती है और विकास दर के लिहाज से भारत G-20 देशों में अव्वल रह सकता है। मूडीज रेटिंग्स की ओर से यह अनुमान जताया गया है। मूडीज रेटिंग्स में इसके कुछ कारण भी बताए गए हैं।

नए वित्त वर्ष में कैसे रहेगी विकास दर ?

आज एक अप्रैल से शुरु हुए नए वित्त वर्ष में भारत की विकास दर को लेकर मूडीज रेटिंग्स ने अनुमान लगाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मूडीज रेटिंग्स के अनुमान के अनुसार नए वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 6.5 प्रतिशत रहेगी। जो G-20 देशों में सबसे ज्यादा होगी। मूडीज रेटिंग्स के मुताबिक भारत नए वित्त वर्ष में भी पूंजी आकर्षित करना जारी रखेगा। वहीं कर उपायों और मौद्रिक सहजता से इस विकास दर को हासिल करता रहेगा। हालांकि इस दौरान कुछ उथल-पुथल का भी सामना करना पड़ सकता है।

G-20 देशों में अव्वल रहेगा भारत !

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मूडीज रेटिंग्स का अनुमान कहता है कि उभरते बाजारों पर उथल-पुथल का ज्यादा असर नहीं होगा। क्योंकि इनके पास इससे निपटने के संसाधन हैं। खास तौर से भारत में टैक्स उपाय और मौद्रिक सहजता की वजह से विकास दर अच्छी रहेगी। जो विकसित और उभरते G-20 देशों में सबसे ज्यादा रह सकती है। हालांकि मूडीज ने 2025-26 वित्त वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो 2024-25 में 6.7 प्रतिशत से कम है।

मूडीज रेटिंग्स के अनुमान में और क्या?

मूडीज ने चालू वित्त वर्ष में महंगाई औसतन 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। जो पिछले वित्त वर्ष में 4.9 प्रतिशत थी। मूडीज का कहना है कि अमेरिकी नीतियों में अनिश्चितता से पूंजी के आउटफ्लो का जोखिम बढ़ेगा। मगर भारत और ब्राजील जैसे उभरते बाजारों पर इसका ज्यादा असर दिखाई नहीं देगा। क्योंकि इनके पास अपनी बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था, पूंजी बाजार, पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार हैं, जिसकी वजह से भारत और ब्राजील वैश्विक पूंजी को आकर्षित करने और इसे बनाए रखने की स्थिति में हैं। इन सब वजहों से इस वित्त वर्ष में भारत की विकास दर G-20 देशों में अव्वल रह सकती है।

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