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सरकारी खजाने की चाबी अब बाजार के हाथ! LIC, कोल इंडिया समेत 4 कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी

सरकार का मकसद साफ है—बाजार में हिस्सेदारी बेचकर फंड जुटाना और फाइनेंशियल डेफिसिट को कंट्रोल में रखना। OFS मॉडल के तहत ये हिस्सेदारी एक साथ नहीं, बल्कि चरणबद्ध तरीके से बेची जाएगी।
02:12 PM Apr 17, 2025 IST | Sunil Sharma

भारत सरकार ने एक बार फिर सरकारी खजाने को मजबूत करने के लिए बाजार की राह पकड़ी है। इस बार सरकार LIC, कोल इंडिया, RVNL और GRSE जैसी नामी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। ये बिक्री "ऑफर फॉर सेल (OFS)" मॉडल के तहत की जाएगी और इसकी शुरुआत वित्तीय वर्ष 2025-26 से होगी।

विनिवेश के जरिए खजाना भरने की रणनीति

सरकार का मकसद साफ है—बाजार में हिस्सेदारी बेचकर फंड जुटाना और फाइनेंशियल डेफिसिट को कंट्रोल में रखना। OFS मॉडल के तहत ये हिस्सेदारी एक साथ नहीं, बल्कि चरणबद्ध तरीके से बेची जाएगी, ताकि बाजार की चाल और कंपनियों के प्रदर्शन का पूरा फायदा उठाया जा सके।

शेयर बाजार की ओर बढ़ता फोकस

OFS मॉडल अपनाकर सरकार इस बार रणनीतिक बिक्री की जगह शेयर बाजार के जरिए पैसा जुटाने पर ज्यादा भरोसा जता रही है। इसका सीधा फायदा यह होगा कि बाजार में सरकारी कंपनियों की वैल्यू और पारदर्शिता बनी रहेगी, और सरकार को बिना कोई बड़ा नियंत्रण छोड़े अच्छा खासा पैसा मिल सकता है।

कब, किसमें और कैसे बेची जाएगी हिस्सेदारी?

IDBI के बाद LIC की बारी, अब तक क्या मिला?

गौरतलब है कि सरकार अभी IDBI बैंक की रणनीतिक बिक्री को प्राथमिकता दे रही है। उसी के बाद LIC में हिस्सेदारी घटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह एक सोची-समझी रणनीति है जिससे बाजार पर दबाव न पड़े और सरकार को ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिले। सरकार को इस साल PSU कंपनियों से 74,000 करोड़ रुपये से अधिक का डिविडेंड मिला है। कोल इंडिया इस लिस्ट में टॉप पर रही है। और अब OFS के जरिए सरकार को उम्मीद है कि इस फाइनेंशियल ईयर में भी राजस्व की बारिश होती रहेगी।

निवेशकों के हाथ होगी सरकारी खजाने की चाबी

विनिवेश की यह चाल सरकार के लिए एक आर्थिक ब्रह्मास्त्र साबित हो सकती है। बाजार की मांग, निवेशकों का रुझान और कंपनियों की वित्तीय स्थिति इस योजना की सफलता की कुंजी होंगी। अब देखना यह है कि ये दांव सरकार को राजस्व के लिहाज़ से कितनी ऊंचाई तक ले जाता है और क्या वह अपने सालाना विनिवेश लक्ष्यों को हासिल कर पाती है या नहीं।

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