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1.69 लाख स्टार्टअप्स, 17 लाख नौकरियां... फिर भी सवाल? क्या इंडिया वाकई सिर्फ आइसक्रीम बेच रहा है?

भारत में 1.69 लाख स्टार्टअप्स, 17 लाख नौकरियां और $147 अरब फंडिंग—क्या ये सिर्फ डिलिवरी-आइसक्रीम तक सीमित हैं या कुछ बड़ा चल रहा है?
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भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम आज दुनिया में तीसरे नंबर पर खड़ा है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के हालिया बयान ने भारतीय उद्योग जगत में एक नई बहस छेड़ दी है। दरअसल उन्होंने भारतीय स्टार्टअप्स की चीनी स्टार्टअप्स से तुलना करते हुए कहा था कि भारत फूड डिलिवरी और "फैंसी आइसक्रीम" पर फोकस कर रहा है, जबकि चीन सेमीकंडक्टर्स और AI में आगे बढ़ रहा है। गोयल के इस बयान ने पूरे देश में हंगामा मचाया हुआ है लेकिन सवाल यह है कि भारत में स्टार्टअप का कारोबार कितना बड़ा है और यह देश की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित कर रहा है? आइए, इसे आसान लहज़े में समझते हैं।

भारत में स्टार्टअप्स का क्या है हाल?

2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तब भारत में स्टार्टअप्स की संख्या कुछ सौ तक सीमित थी। 2016 में 'स्टार्टअप इंडिया' पहल शुरू हुई और इसके बाद से यह सिलसिला रुक नहीं रहा। वहीं बता दें कि आज की तारीख तक डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने 1,69,255 स्टार्टअप्स को मान्यता दी है। यानी हर दिन औसतन 80 नए स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं। 2016 में जहां सिर्फ 400 स्टार्टअप्स थे, वहीं अब यह आंकड़ा डेढ़ लाख पार कर चुका है। इनमें से 117 यूनिकॉर्न हैं—ऐसे स्टार्टअप्स जिनकी वैल्यू 1 अरब डॉलर से ज्यादा है। महाराष्ट्र (27,000), कर्नाटक और दिल्ली (16,000-16,000), यूपी (15,000) और गुजरात (13,000) स्टार्टअप्स के बड़े हब बन गए हैं।

वर्षस्टार्टअप्स की संख्या
2016428
20175,052
20185,052
201911,216
202014,852
202120,282
202226,596
202334,842
202434,294

नोट: 2016 तक भारत में केवल 428 स्टार्टअप्स थे।
अब देशभर में कुल 1.69 लाख से अधिक स्टार्टअप्स हैं।

स्टार्टअप्स ने कैसे लगा दी नौकरियों की बौछार?

स्टार्टअप्स सिर्फ संख्या में ही नहीं बढ़े, इन्होंने रोजगार का ढांचा भी बदला है। स्टार्टअप इंडिया की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इन 1.69 लाख स्टार्टअप्स ने 17.28 लाख लोगों को सीधे नौकरियां दी हैं। हर स्टार्टअप औसतन 11 लोगों को रोजगार दे रहा है। 2016 में जहां सिर्फ 217 लोग स्टार्टअप्स में काम करते थे, वहीं अब यह आंकड़ा लाखों में है। खास बात यह है कि यह रोजगार 770 जिलों में फैला है, यानी टियर-2 और टियर-3 शहर भी इसमें शामिल हैं। सबसे ज्यादा जॉब्स IT सर्विसेज (2.04 लाख), हेल्थकेयर (1.47 लाख), और एजुकेशन (90,414) जैसे सेक्टर में हैं। वेस्ट मैनेजमेंट जैसे नए क्षेत्र में भी 14,300 लोग काम कर रहे हैं।

अर्थव्यवस्था में है अरबों का योगदान

स्टार्टअप्स का असर सिर्फ नौकरियों तक नहीं है, यह अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा बन चुके हैं। 2016 से 2024 के बीच स्टार्टअप्स ने 147 अरब डॉलर की फंडिंग हासिल की। इकोनॉमिक सर्वे बताती है कि इन्होंने 12,000+ पेटेंट फाइल किए और सरकार को करीब 1,000 करोड़ रुपये का टैक्स दिया। अभी स्टार्टअप्स का अर्थव्यवस्था में योगदान 25-30 अरब डॉलर का है।

कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) की रिपोर्ट कहती है कि 2030 तक यह 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। यानी, अगर भारत की इकोनॉमी 7 ट्रिलियन डॉलर की होती है, तो उसका 14% स्टार्टअप्स से आएगा। इसमें से रिटेल और ई-कॉमर्स (380-400 अरब डॉलर), मैन्युफैक्चरिंग (140-150 अरब डॉलर), और फिनटेक (65-75 अरब डॉलर) बड़े सेक्टर होंगे।

स्टार्टअप्स का स्वरूप: कहां हैं, क्या कर रहे हैं?

भारत के स्टार्टअप्स में विविधता है। आधे से ज्यादा (73,000+) में कम से कम एक महिला डायरेक्टर है, और 11,200+ सिर्फ महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा स्टार्टअप्स IT सर्विसेज (17,900+) में हैं, उसके बाद हेल्थकेयर और एजुकेशन। लेकिन नए सेक्टर भी उभर रहे हैं। वेस्ट मैनेजमेंट में 2020 से 2024 तक स्टार्टअप्स की संख्या 55 गुना बढ़ी, 2024 में 1,327 नए स्टार्टअप्स बने। टॉय-गेमिंग (490) और बायोटेक्नोलॉजी (587) में भी तेजी है। ये आंकड़े दिखाते हैं कि स्टार्टअप्स सिर्फ डिलिवरी ऐप्स तक सीमित नहीं हैं, बल्कि कई क्षेत्रों में इनोवेशन ला रहे हैं।

इंडस्ट्रीस्टार्टअप्सनौकरियाँ
IT सर्विस17,900+2.1 लाख+
हेल्थकेयर और लाइफ साइंस14,500+1.11 लाख+
एजुकेशन9,200+69,000+

नोट- 2024 में सिर्फ IT सर्विस सेक्टर में ही 3,538 स्टार्टअप्स शुरू हुए थे।

गोयल के बयान पर बवाल: सच क्या है?

पीयूष गोयल ने भारतीय स्टार्टअप्स को "फूड डिलिवरी" और "फैंसी आइसक्रीम" तक सीमित बताया, जबकि चीन को EV और AI का चैंपियन कहा। इस पर जेप्टो के CEO आदित पालिचा ने कहा कि उनके स्टार्टअप ने 1.5 लाख जॉब्स, 1,000 करोड़ टैक्स, और 1 अरब डॉलर FDI लाया। भारतपे के अशनीर ग्रोवर ने तंज कसा कि चीन भी डिलिवरी से शुरू हुआ था।

ओला के भाविश अग्रवाल ने गोयल का समर्थन किया, लेकिन सवाल उठता है—क्या भारत सच में सिर्फ कंज्यूमर टेक तक सीमित है? हकीकत यह है कि भारत में फिनटेक, हेल्थटेक, और बायोटेक जैसे सेक्टर भी तेजी से बढ़ रहे हैं, पर सेमीकंडक्टर्स और AI में चीन से पीछे हैं।

अब कर लेते हैं स्टार्टअप के भविष्य की बात

CII की रिपोर्ट कहती है कि 2030 तक स्टार्टअप्स 5 करोड़ नौकरियां देंगे—40-50 लाख डायरेक्ट, 90 लाख-1 करोड़ गिग वर्कर्स (जैसे डिलिवरी बॉय), और 3.5-4 करोड़ सप्लाई चेन में। 300 नए यूनिकॉर्न भी बन सकते हैं। भारत का बाजार बड़ा और उभरता हुआ है, जिससे स्टार्टअप्स का भविष्य सुनहरा दिखता है। सरकार का स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम, फंड ऑफ फंड्स (10,500 करोड़+), और सीड फंड स्कीम इसकी रीढ़ हैं।

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