Author: Preeti Mishra
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Mahakumbh Third Amrit Snan: कब होगा महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान? जानें तिथि और शुभ मुहूर्त
ठंड और घने कोहरे के बावजूद, करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान करने के लिए प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर पहुंचे।
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ISKCON Puja Paddhati: भगवान कृष्ण को समर्पित है इस्कॉन, जानें इसकी पूजा पद्धति
भगवान कृष्ण को समर्पित इस भव्य मंदिर का नाम श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर है।
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Makar Sankranti Kites: मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का है खास महत्त्व, जानिए क्यों?
मकर संक्रांति के दौरान पतंग उड़ाना लोगों की आकांक्षाओं के उत्थान का प्रतीक है। जैसे ही सूर्य उत्तर की ओर अपनी यात्रा शुरू करता है
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Makar Sankrati Puja Vidhi: मकर संक्रांति आज, इस विधि से जरूर करें पूजा, भगवान सूर्यदेव की मिलेगी कृपा
मकर संक्रांति सामुदायिक जुड़ाव का भी समय है। पतंग उड़ाने, भोजन दान करने और मंदिरों में जाने जैसी गतिविधियों में भाग लेने से उत्सव की भावना बढ़ जाती है।
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Mahakumbh 2025 Amrit Snan: मकर संक्रांति पर महाकुंभ का पहला अमृत स्नान आज, अखाड़ों के संत लगा रहे हैं डुबकी
आज भोर में सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के संत-महंत और महामंडलेश्वर ने अमृत स्नान किया।
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Mahakumbh 2025 Starts: पौष पूर्णिमा के साथ शुरू हुआ ऐतिहासिक महाकुंभ, जानें पहले स्नान के मुहूर्त
महाकुंभ मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है बल्कि यह भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्वरुप को भी दर्शाता है।
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Pongal 2025: चार-दिवसीय पोंगल पर्व आज से शुरू, थाई पोंगल माना जाता है मुख्य दिन
तमिलनाडु में यह पर्व चार दिनों से अधिक समय तक मनाया जाता है, जिसमें प्रत्येक दिन का अपना अलग रस्म और महत्व होता है। त्योहार की शुरुआत भोगी से होती है।
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Makar Sankranti 2025: 14 या 15 जनवरी कब है मकर संक्रान्ति? जानें ज्योतिषाचार्य से
लखनऊ स्थित महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं राकेश पाण्डेय बताते है कि मकर संक्रान्ति पुण्यकाल कल प्रातः 07:58 के बाद प्रारम्भ हो जाएगा।
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Kumbh: क्या होता है अर्ध कुंभ, कुंभ और महाकुंभ? जानें क्यों प्रयागराज महाकुंभ का है सबसे ज्यादा महत्व
संस्कृत में कुंभ शब्द का अर्थ है ‘घड़ा’, और कुंभ मेले की कहानी एक प्रसिद्ध मिथक से शुरू होती है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवताओं और असुरों ने अमरता का अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया था।
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First Kumbh of Independent India: इस साल लगा था आजाद भारत का पहला कुंभ, जानें क्यों रहा है यह चर्चे में
भारत 1947 में आजाद हुआ था। लेकिन आजाद भारत के पहले कुंभ मेले का आयोजन आजादी के सात वर्षों बाद 1954 में प्रयागराज के संगम तट पर ही हुआ था।
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Mahakumbh 2025: ‘हर हर गंगे’ के नारे के साथ महाकुंभ का शुभारंभ, पौष पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी
आधी रात से ही श्रद्धालु और कल्पवासी संगम तट पर पहुंचने लगे थे। पूरा वातावरण “हर हर गंगे” और “जय श्री राम” के नारों से गूंजता रहा।
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Miyawaki Technique in Maha Kumbh: महाकुंभ से पहले प्रयागराज हुआ हरा भरा, जानिये मियावाकी तकनीक के बारे में
प्रयागराज नगर निगम ने पिछले दो वर्षों में शहर में 10 से अधिक स्थानों पर 55,800 वर्ग मीटर क्षेत्र में पेड़ लगाए हैं।