Test Cricket Incentive Scheme: धर्मशाला में भारत की जीत के बाद जय शाह का बड़ा ऐलान,टेस्ट मैच खेलने वालों पर होगी करोड़ों की बारिश
Test Cricket Incentive Scheme: धर्मशाला में भारतीय टीम (Test Cricket Incentive Scheme)ने इंग्लैंड को पांचवें टेस्ट मैच में पारी और 64 रनों से हरा दिया है। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत ने इंग्लैंड को 4-1 से मात दी है। इस जीत के कुछ ही देर बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव जय शाह ने टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ीयों के लिए बड़ा ऐलान किया है। जय शाह ने बताया कि बीसीसीआई टेस्ट क्रिकेट बढ़ावा देने के लिए टेस्ट क्रिकेट इनसेंटिव स्कीम लॉन्च की गई है। इस स्कीम के अंतर्गत भारतीय खिलाड़ियों को टेस्ट खेलने के लिए मिलने वाली राशि में फायदा होगा।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने किया बड़ा ऐलान:-
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया हैं। जिसमें उन्होंने टेस्ट क्रिकेट इनसेंटिव स्कीम की शुरूआत को लेकर ऐलान किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि मुझे वरिष्ठ पुरुषों के लिए 'टेस्ट क्रिकेट इनसेंटिव स्कीम' की शुरुआत की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है, जिसका उद्देश्य हमारे सम्मानित एथलीटों को वित्तीय विकास और स्थिरता प्रदान करना है। 2022-23 सीज़न से शुरू होकर, 'टेस्ट क्रिकेट इनसेंटिव स्कीम' टेस्ट मैचों के लिए 15 लाख रुपये की मौजूदा मैच फीस के ऊपर एक अतिरिक्त इनाम संरचना के रूप में काम करेगी।
इस तरह खिलाड़ियों को मिलेगा फायदा:-
भारतीय खिलाड़ी को एक टेस्ट मैच के लिए 15 लाख रूपए फीस दी जाती है। लेकिन अब उन्हें 15 लाख फीस के साथ इंसेंटिव भी मिलेगा। लेकिन इस इंसेंटिव से पहले बीसीसीआई ने अपनी कुछ शर्त रखी है। जिसके अनुसार यदि कोई भारतीय खिलाड़ी एक सीजन में 75 प्रतिशत यानी 7 से ज्यादा मैच खेलता है तो उसे इंसेंटिव के तौर पर 45 लाख दिए जाएंगे।
वहीं प्लेइंग-11 से बाहर रहने वाले खिलाड़ी को 22.5 लाख रूपए दिए जाएंगे। 50 प्रतिशत से ज्यादा यानी 5—6 मैच खेलने वाले खिलाड़ी को 30 लाख प्रति मैच के दिए जाएंगे। जबकि प्लेइंग-11 से बाहर रहने वाले खिलाड़ी को 15 लाख रूपए दिए जाएंगे। वहीं कोई खिलाड़ी 50 प्रतिशत से कम यानी 9 मैच में से सिर्फ 4 ही मैच खेलता है तो उसे किसी भी प्रकार का इंसेंटिव नहीं दिया जाएगा।
इस वजह से बीसीसीआई ने लिया यह फैसला:-
खबरों की मानें तो बीसीसीआई ने यह कदम पिछले महीने अपने एक निर्देश को ध्यान में रखकर बनाया है। जिसमें उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में भाग लेने में प्राथमिकता देने की बात कही थी। लेकिन तब जब वह राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हों। लेकिन काफी समय से कुछ खिलाड़ियों द्वारा टेस्ट क्रिकेट और घरेलू क्रिकेट को पूरी तरह से अनदेखा किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार बीसीसीआई बोर्ड ने ईशान किशन और श्रेयस अय्यर पर घरेलू क्रिकेट को अनदेखी करने की वजह से एक्शन लिया गया था और एनुअल कॉन्ट्रैक्ट से हटा दिया था। जिसके बाद से ही खबरें आ रही थी कि घरेलु क्रिकेट और टेस्ट को बचाने के लिए बोर्ड को नई योजना बना रहे है।
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