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Ram Mandir Controversy: राहुल गांधी के राजनीतिज्ञ गुरु आचार्य प्रमोद का बयान, मोदी के बिना संभव नहीं होता...

राजस्थान (डिजिटल डेस्क). Ram Mandir Controversy: राजनीति के परिपेक्ष में राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु कहे जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी समेत सभी विपक्षी दलों को राम मंदिर (Ram Mandir Controversy) की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को...
04:20 PM Jan 22, 2024 IST | Bodhayan Sharma

राजस्थान (डिजिटल डेस्क). Ram Mandir Controversy: राजनीति के परिपेक्ष में राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु कहे जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी समेत सभी विपक्षी दलों को राम मंदिर (Ram Mandir Controversy) की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकराने पर कड़े शब्दों में फटकारा है। उन्होंने राम मंदिर की स्थापना का पूरा श्रेय भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी को दिया है।

कृष्णम ने लगाई विपक्षी दलों की क्लास:

कांग्रेसी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक न्यूज़ चैनल को दिए गए अपने साक्षात्कार में कहा कि, "राम का निमंत्रण (Ram Mandir Controversy) तो कोई ईसाई व्यक्ति भी नहीं ठुकरा सकता, राम का निमंत्रण कोई पादरी, कोई मुसलमान नहीं ठुकरा सकता। राम भारत की आत्मा हैं ‌। उनके बिना भारत और भारत के लोकतंत्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती।" भारत में राम राज्य की स्थापना को लेकर उन्होंने महात्मा गांधी का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि रामराज्य का सपना सबसे पहले महात्मा गांधी ने देखा था और कांग्रेस पार्टी भी महात्मा गांधी द्वारा स्थापित की गई है इसलिए कांग्रेस पार्टी तो कतई इस निमंत्रण के विरोध में नहीं होनी चाहिए।

निमंत्रण को ठुकराने का क्या है मतलब?

आचार्य कृष्ण ने अपने बयान में यह भी कहा कि, राम के निमंत्रण को ठुकराना मतलब भारत (Ram Mandir Controversy) की संस्कृति एवं सभ्यता को ठुकराना है। इसका मतलब है भारत की अस्मिता और अस्तित्व को चुनौती देना।" उनके अनुसार इस निमंत्रण को ठुकराकर विपक्षी दल इतने सालों से ऋषियों-मुनियों की लगातार चली आ रही तपस्या को, असंख्य राम भक्तों की श्रद्धा को एवं उनके द्वारा किए गए बलिदानों को ठुकरा रहे हैं।

विपक्षी दलों के लिए क्या है नसीहत?

विपक्षी दलों को संदेश देते हुए आचार्य ने कहा कि, 'आप भाजपा से लड़ो, राम से नहीं। आप नरेंद्र मोदी से लड़ो, राम से नहीं। आप सनातन से नहीं लड़ो, भारत से नहीं लड़ो।' उन्होंने यह भी कहा कि,"निश्चित रूप से मंदिर को बनाए जाने का फैसला माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिया गया और इस फैसले के अनुसरण में राम मंदिर (Ram Mandir Controversy) का निर्माण हुआ और हो रहा है लेकिन यदि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी नहीं होते तो यह फैसला कभी नहीं हो पाता और यह मंदिर कभी नहीं बन पाता।

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