नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसचुनाव

Petition Against Ram Mandir: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के विरोध में आई याचिका में कितना दम?

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Petition Against Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर पर चले आ रहे सालों के केस का फैसला आया और निर्माण शुरू हुआ। विवाद को संवैधानिक तरीके से सुलझाया गया। परन्तु अब एक और याचिका जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट...
10:21 PM Jan 17, 2024 IST | Bodhayan Sharma

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Petition Against Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर पर चले आ रहे सालों के केस का फैसला आया और निर्माण शुरू हुआ। विवाद को संवैधानिक तरीके से सुलझाया गया। परन्तु अब एक और याचिका जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की गयी है, में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाया गया है। इसमें अनुरोध किया गया है कि प्राण प्रतिष्ठा पर रोक लगाई जाए, पर इसके तथ्य में प्राण प्रतिष्ठा को रोकने का कितना दम?

तथ्यों की असल विवेचना

अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के विरोध में याचिकाकर्ता (Petition Against Ram Mandir) ने कहा है कि, ये सनातन और शास्त्रों के अनुसार नहीं बल्कि इसमें संविधान का उल्लंघन होना भी हो रहा है और इसे चुनावी लाभ के लिए सनातन नियमों के विरुद्ध किया जा रहा है। याचिकाकर्ता गाजियाबाद भोला दास ने जनहित याचिका दर्ज करवाई है पर इसके बाद कई वकीलों ने इस बात पर अपने पक्ष रखें हैं। इन् पक्षों के अनुसार ये जनहित याचिका जैसा मुद्दा ही नहीं है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील आ बयान आया सामने

याचिकाकर्ता भोला दास ने जनहित याचिक (Petition Against Ram Mandir) इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर की। वहाँ के एडवोकेट राकेश पाण्डेय ने कहा, “ये जनहित याचिका से सम्बन्धित मामला बनता ही नहीं है। अयोध्या में राम मंदिर का ट्रस्ट बना हुआ है, उसी ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है। ये व्यक्तिगत है, वो मंदिर ट्रस्ट के आमंत्रण पर जा सकते हैं। किसी गैर सरकारी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में हाई कोर्ट का कोई लेना देना नहीं है। ऐसे में याचिक खारिज हो जाएगी।”

इस याचिका पर बाकी वकीलों ने क्या तथ्य दिए?

इस मामले में वकील श्रवण त्रिपाठी ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मामले में कोर्ट में जाने जैसा कोई मामला (Petition Against Ram Mandir) नहीं बनता है। ये जनहित याचिका तो बिलकुल नहीं है। इस मामले में किसी के भी अधिकारों का हनन होने जैसी बात होना सामने नहीं आता है। हाई कोर्ट इस मामले को सिरे से ख़ारिज कर देगा। इसके अलावा एडवोकेट शाश्वत आनन्द ने कहा कि धार्मिक आधार में याचिका दायर की गयी है। ऐसे में धर्म विशेषज्ञ इस इस बात का निर्णय ले सकते हैं। कोर्ट का इसमें कोई रोल नज़र नहीं आता है।”

मामला खारिज होगा या प्राण प्रतिष्ठा पर लगेगी रोक?

इस मामले में क़ानूनी विशेषज्ञों की मानी जाए तो मामले में तथ्य और जनहित याचिका (Petition Against Ram Mandir) जैसे आधार नहीं है। इसलिए इस मामले के हाई कोर्ट में खारिज होने के आसार ज्यादा नज़र आते हैं। नियमों का उल्लंघन जैसा कोई मामला इस पूरी प्रक्रियां में कहीं होना नहीं दिखाई देता है धार्मिक आधार और शास्त्रीय नियमों को जांचने का काम धर्म धुरंधरों और ज्योतिषियों का है। मुहूर्त इत्यादि पर विचार की पद्धतियों में भेद हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें Petition Against Ram Mandir: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर हाईकोर्ट लगाएगा रोक? इलाहबाद में जनहित याचिका दर्ज

OTT INDIA आपको खबरों से रखेगा अपडेट

OTT INDIA देश का नंबर 1 डिजिटल प्लेटफॉर्म है- जो देशवासियो को हर खबर में सबसे आगे रखता है। OTT इंडिया पर पढ़ें नेशनल, इंटरनेशनल, इलेक्शन, बिजनेस, स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट समेत सभी खबरें। अब हर समाचार आपकी उंगलियों पर, हमारा नवीनतम Android और iOS ऐप डाउनलोड करें। ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमसे सोशल मीडिया पर जुड़ें।

Tags :
Allahabad highcourtAyodhya Ram MandirPetition Against Ram MandirshankaracharyaShankaracharya and Ram Mandir

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article