नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

'वन नेशन-वन इलेक्शन'...जानिए किस राजनीतिक दल ने किया विरोध, किसका मिला समर्थन!

One Nation-One Election: 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को बुधवार को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर यह कदम उठाया गया...
05:48 PM Sep 18, 2024 IST | Shiwani Singh

One Nation-One Election: 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को बुधवार को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर यह कदम उठाया गया है। शीतकालीन सत्र दे दौरान संसद में विधेयक के रूप में इसे पेश किया जाएगा। अब मोदी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती इसे सदन में पास कराना। जिसके लिए कई राजनीतिक पार्टियों का समर्थन चाहिए होगा।

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिती ने इसके लिए 62 राजनीतिक पार्टियों से संपर्क किया था। 62 पार्टियों में से 47 पार्टियों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। जानकारी के मुताबिक 32 ऐसी राजनीतिक पार्टियां हैं जिन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का समर्थन किया था। वहीं 15 पार्टियों, जिनमें मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस शामिल हैं, ने इसका विरोध किया था।

कांग्रेस समेत 15 राजनीतिक पार्टियों ने किया विरोध

'वन नेशन-वन इलेक्शन' पर केंद्र सरकार को कई राजीतिक पार्टियों का विरोध झेलना पड़ा था। जिनमें कांग्रेस, बसपा, आम आदमी पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) जैसी पार्टियां शामिल हैं। आप, कांग्रेस और माकपा ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज किया कि यह लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करता है। ये है विरोधी

पार्टियों की लिस्ट-

विरोध का क्या है कारण?

जिन 15 राजनीतिक पार्टियों, जिनमें राष्ट्रीय और क्षेत्रिय पार्टियां शामिल हैं, ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है। इन राजनीतिक पार्टियों ने आशंका जताई है कि इसे अपनाने से संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन हो सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि 'वन नेशन-वन इलेक्शन' अलोककांत्रिक और संघवाद विरोधी हो सकता है। यही नहीं इसकी वजह से क्षेत्रिय पार्टियों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।

बसपा ने पूरी तरह इसका विरोध नहीं किया है। बसपा ने इसे लेकर कुछ चिंताएं जाहिर की हैं। पार्टी का कहना है कि इसे लागू करना काफी चुनौतीपूर्ण होगा।

समाजवादी पार्टी का कहना है

'' 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ लोकसभा और विधानभा चुनाव कराना। ऐसा करने से क्षेत्रीय पार्टियां, चुनाव खर्च और चुनावी रणनीति के मामले में राष्ट्रीय पार्टियों के साथ मुकाबला नहीं कर पाएंगी।''

किसका है समर्थन

बता दें कि 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के समर्थन में 32 राजनीतिक पार्टियां हैं जिनमें, आसाम गण परिषद, बीजू जनता दल, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, शिवसेना, लोक जनशक्ति पार्टी (आर), मिजो नेशनल फ्रंट, जनता दल (यूनाइटेड), सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, Shiromani अकाली दल, AIADMK, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन, अपना दल (सोनी लाल) और यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल जैसी पार्टियां शामिल हैं।

इन पार्टियों ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया

वहीं कई ऐसी पार्टियां भी हैं जिन्होंने मोदी सरकार के 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। इनमें जम्मू एंड कश्मीर नेशनल कान्फ्रेंस, जेडीएस, झामुमो, केरल कांग्रेस (एम), एनसीपी, भारत राष्ट्र समिति, आईयूएमएल, राजद, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट, तेलुगु देशम पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट, तेलुगु देशम पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस जैसी पार्टियां शामिल हैं।

ये भी पढ़ेंः वन नेशन वन इलेक्शन: क्या 2029 में 543 की बजाय 750 सीटों पर होगा चुनाव?

Tags :
AAPBSPCongressModi Cabinet ApprovalModi Cabinet MeetingOne Nation One Electionpolitical party opposedpolitical party supportsamajwadi partyवन नेशन-वन इलेक्शन

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article