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आतिशी के बाद अब गहलोत ने खुद को रामायण के पात्र से जोड़ा, कहा-'मैं हूं अरविंद केजरीवाल का हनुमान'

आप के नेताओं ने दिल्ली की राजनीति में अपनी भूमिकाओं को बताने के लिए महाकाव्य रामायण की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है। आतिशी के बाद अब कैलाश गहलोत ने खुद को अरविंद केजरीवाल का 'हनुमान' बताया है।
08:56 PM Sep 24, 2024 IST | Shiwani Singh

Kailash Gahlot: आप के नेताओं ने दिल्ली की राजनीति में अपनी भूमिकाओं को बताने के लिए महाकाव्य रामायण की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है। जिसमें आप नेता पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति अपनी निष्ठा और उद्देश्य को उजागर करने के लिए ऐतिहासिक पात्रों का उदाहरण दे रहे हैं। आतिशी के खुद को भरत बताने के बाद इस कड़ी में दिल्ली सरकार के नव नियुक्त मंत्री कैलाश गहलोत का नाम भी जुड़ गया है। कैलाश गललोत ने खुद को अरविंद केजरीवाल का 'हनुमान' बताया है।

गहलोत ने खुद को बताया हनुमान

कैलाश गहलोत मंगलवार को फिर से परिवहन, गृह, प्रशासनिक सुधार, और महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में अपने कार्यभार संभालते हुए केजरीवाल के अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाने का वचन लिया। गहलोत ने कार्यभार संभालने के बाद अपनी के तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की। फोटों को शेयर करते हुए गहलोत ने लिखा, "जिस तरह भगवान राम के सेवक बनकर हनुमान काम करते थें, उसी तरह मैं भी अरविंद केजरीवाल का हनुमान बनकर परिवहन एवं अन्य विभाग में उनके विजन और कामों को आगे बढ़ाऊंगा।''

वहीं कार्यभार संभालने के बाद गहलोत ने कहा, ''आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल नेतृत्व में अच्छा काम किया और राम राज्‍य की स्थापना की कोशिश की।''
नजफगढ़ के विधायक गहलोत ने आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी की संभावनाओं के प्रति आशावाद व्यक्त किया, जो फरवरी में होने वाले हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि केजरीवाल फिर से मुख्यमंत्री के रूप में लौटेंगे। गहलोत ने कहा, “दिल्ली के लोग हमें आशीर्वाद देंगे और केजरीवाल फिर से दिल्ली के सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे। हमारे सीएम अरविंद केजरीवाल थे और रहेंगे।

आतिशी ने खुद की तुलना की भरत से

वहीं एक दिन पहले दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालते हुए अतिशी ने भी अपनी वर्तमान स्थिति की तुलना भगवान राम के भाई भरत से की। आतिशी ने कहा, “मेरे दिल में वही दर्द है जो भारत जी को हुआ था। मैं अगले चार महीनों के लिए सीएम के रूप में सेवा करूंगी। ये उम्मीद करते हुए कि केजरीवाल लौटेंगे।

वहीं, अतिशी का केजरीवाल की कुर्सी को अपने कार्यालय में खाली छोड़ने का प्रतीकात्मक कार्य विवाद का कारण बना है। जिसमें विपक्षी पार्टियों ने उन पर संवैधानिक मानदंडों का अपमान करने का आरोप लगाया। बीजेपी और कांग्रेस ने इस इशारे की कड़ी निंदा की। इसे मुख्यमंत्री की भूमिका के लिए 'गंभीर अपमान' करार दिया।

'केजरीवाल को श्रद्धांजलि देने के लिए कुर्सी खाली छोड़ी'

वहीं इस विवाद पर अतिशी ने बताया कि उन्होंने केजरीवाल को श्रद्धांजलि देने के लिए कुर्सी खाली छोड़ी और अपनी अस्थायी नेतृत्व की तुलना भारत के प्रतीकात्मक शासन से की, जहां उन्होंने भगवान राम की चप्पल को सिंहासन पर रखा था।

आम आदमी पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने पहले ही केजरीवाल के साथ अपने संबंधों की तुलना रामायण के भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण के संबंधों से की थी।

यह भी पढ़ेंः केजरीवाल की 'भरत' बनी आतिशी, उस कुर्सी पर नहीं बैठीं, जिस पर बैठते थे CM

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