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AMUL VAGAD: निजी डेयरी प्रबंधकों की गड़बड़ी के खिलाफ वागड़-मेवाड़ के किसानों में गुस्सा!

AMUL VAGAD: वागड़ से लोकसभा सांसद कनकमल कटारा, सागवाड़ा से विधायक शंकरलाल डेचा, गढ़ी के पूर्व (AMUL VAGAD) विधायक गोपीचंद मीना, वागड़ वॉरियर्स के संयोजक नरेश पाटीदार दिवड़ा, पटेल पाटीदार डांगी सामाजिक संगठन अमूल पैटर्न पर दूध संग्रहण कर दुग्ध...
07:51 PM Mar 10, 2024 IST | Bodhayan Sharma

AMUL VAGAD: वागड़ से लोकसभा सांसद कनकमल कटारा, सागवाड़ा से विधायक शंकरलाल डेचा, गढ़ी के पूर्व (AMUL VAGAD) विधायक गोपीचंद मीना, वागड़ वॉरियर्स के संयोजक नरेश पाटीदार दिवड़ा, पटेल पाटीदार डांगी सामाजिक संगठन अमूल पैटर्न पर दूध संग्रहण कर दुग्ध उत्पादकों को सीधे लाभ पहुंचाएंगे। विवरण के अनुसार प्रमुख सूर्या अहारी और लोकसभा बांसवाड़ा-डूंगरपुर प्रत्याशी महेंद्रसिंह मालवीय ने केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह, गुजरात मुख्यमंत्री, अमूल फेडरेशन गुजरात के नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा। इन निर्माताओं को सीधे तौर पर फायदा पहुंचाने की मांग की गई है।

पत्र में अधिक विस्तार से मांग की गई है कि गुजरात के दक्षिण राजस्थान के सीमावर्ती (AMUL VAGAD) जिलों डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सालंबर, उदयपुर और प्रतापगढ़ में अमूल फेडरेशन के कृपाण, मधुर, पंचमहल जिला संघों द्वारा दूध संग्रहण का कार्य निजी ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि निजी ठेकेदारों द्वारा दूध का संग्रहण तो किया जाता है, लेकिन वे दुग्ध उत्पादकों को उचित मूल्य नहीं देते हैं। निजी ठेकेदारों द्वारा दूध संग्रहण में गड़बड़ी के कारण दुग्ध उत्पादकों को दूध का पूरा दाम और वार्षिक लाभांश दर भी नहीं मिल पाती है। क्लस्टर संचालक ठेकेदारों एवं सर्किल संचालकों द्वारा किसानों को नहीं दिया जाता है।

किसानों-पशुपालकों का हक सीधा पहुंचे उनके खाते में 

लघु उद्योग भारती ग्राम शिल्पी गुजरात राजस्थान प्रदेश संयोजक एवम सहकारी समिति (AMUL VAGAD) अध्यक्ष डॉ कांतिलाल पाटीदार डूंगरपुर ने इस मुद्दे पर कहा कि, "यहाँ बागड़ और मेवाड़ में लगभग 15 लाख लीटर दूध गुजरात को जाता है और गुजरात की डेयरियों में जाता है। परंतु उचित दाम नहीं मिलता है। पैसा पशु पलकों और किशनों के खातों में सीधा जाना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार का कमीशन काटने की बात कह कर किसानों तक लाभ नहीं पहुंचाया जा रहा है।"

ठेकेदार ले जाते हैं किसानों का पैसा

गोपाल पाटीदार,मैनेजिंग ट्रस्टी विद्यानगर पंचवटी डूंगरपुर ने समस्या से जनसमान्य और अधिकारियों को अवगत करवाते हुए किसानों के हित में परिवर्तन करने और बीच में किसानों के हक़ का पैसा खाने वालों को हटाने को कहा। इस संबंध में कई अधिकारियों को लिखित शिकायत और पत्र भी भेजा। किसानों के हितों के लिए काम करने की नीतियों को जल्द से जल्द लागू करने की प्रार्थना कि। मांग की जा रही है कि उक्त निजी ठेकेदार क्लस्टर संचालक को बंद कर दूध की खरीद (AMUL VAGAD) अमूल/जयपुर पैटर्न पर ऑनलाइन की जाए ताकि किसानों को दूध की पूरी सप्लाई मिल सके। और साथ ही वार्षिक लाभांश मूल्य सीधे किसान के खाते में डाला जाये। उस राशि को समूह व क्लस्टर के खाते में जमा नहीं किया जाये।

दूध की खरीद क्लस्टर स्तर पर डेयरी श्रमिकों द्वारा की जानी चाहिए और समूह (AMUL VAGAD) स्तर पर ऑनलाइन खरीद भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके साथ ही दूध में भी मल्टी स्टेट सहकारी समितियां चलाने की मांग की गई है।

नरेश पाटीदार,सामाजिक कार्यकर्ता और डुंगरपुर निवासी, इस समस्या को लेकर (AMUL VAGAD) सजग हैं और उन्होने कहा, " क्लस्टर को बंद करवा कर किसानों और पशुपालकों के हित में फैसला लिया जाए। जो बिचोलिए पैसों का गबन कर रहे हैं उनकी मध्यस्थता को खत्म करने से किसानों को लाभ मिलेगा और उनका उत्थान होगा। सरकार से इसको लेकर किसानों कि मांग को जल्दी सुनवाई कर अंतर्राजीय व्यवस्था बनाई जाई।

वागड़-मेवाड़ के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सलंबर और उदेपुर जिलों के बीच अमूल संघ (AMUL VAGAD) का करीब 2 लाख लीटर क्षमता का पैकेजिंग प्लांट खोला जाए। ताकि सहकारिता की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त हो, हर वर्ग और समाज के अंतिम अंतिम किसान परिवारों के कल्याण और उत्थान का मार्ग प्रशस्त होगा। इससे पशुपालक परिवारों को आत्मनिर्भरता एवं आर्थिक लाभ से सशक्त बनाया जा सकेगा।

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